होली में रंग कैसे शामिल हुए। क्या है रहस्य ?
कहते है होली रंगों का त्योहार है। होनी आने के कुछ दिन पहले ही लोग रंग लगाना, गुलाल लगाना शुरू भी कर देते हैं। और होली के कुछ दिन बाद तक भी रंगों से खेलते रहते हैं। #Holi2022 इस बार होलिकादहन 17 मार्च को है। और 18 मार्च को होली खेली जाएगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये हैं होली में रंगों से खेलने की प्रथा कैसे शुरू हुई। आइए जानते हैं।
कैसे शुरू हुई रंगों की प्रथा
भगवान कृष्ण बहुत ही नटखट प्रवृति के थे ये तो सभी जानते हैं। साथी ही लोगों पर प्रेम बरसाने वाले हैं। भगवान श्री कृष्ण ने होली पर रंगों से खेलने की प्रथा शुरू की। होली के दिन श्री कृष्ण सभी को रंग लगाते। और गोपियों और मां राधा के साथ शरारते कर उनको रंग लगाते। उनको देखा-देखी सभी उनके रंग में रंग जाते। तभी से होली पर रंग लगाने की प्रथा शुरू हुई। आज भी वृंदावन की होली प्रचलित है। लोग दूर-दूर से वृंदावन होली खेलने जाते हैं। वृंदावन में होली का जो आनंद है वो कहीं नहीं। लगता खुद श्री कृष्ण आकर होली खेल रहे है।