High Cholesterol Test: क्या आपके हार्ट पर मडरा रहा है खतरा.. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से इस तरह पता करें
High Cholesterol Test: आजकल आप अक्सर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट का नाम अक्सर सुनते होंगे. इस टेस्ट के जरिए हार्ट अटैक की संभावित खतरे का पता चल सकता है. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट खून में लिपिट या फैट की सही मात्रा जानने का वैज्ञानिक तरीका है. इससे पता चलता है कि आपके शरीर में विभिन्न तरह के लिपिड की कितनी मात्रा है. चूंकि जब शरीर में लिपिड या वसा बढ़ती है तो इसके संकेत न के बराबर दिखते हैं. यानी यह तुरंत में कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन शरीर में साइलेंट किलर की तरह फैलती रहती है और फिर एक दिन अचानक यह हार्ट अटैक (Heart Attack) या कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac Arrest ) के रूप में सामने आती है. जानकारी के अभाव में हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट से अधिकांश लोगों की मौत हो जाती है. आए दिन कई ऐसी खबरें आईं हैं जिनमें कहा जाता है कि डांस करते युवाओं की मौत हो गई या राह चलते युवा की मौत हार्ट अटैक से हो गई. यही कारण है 20 साल की उम्र के बाद हर किसी को लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना चाहिए.
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्यों जरूरी है
फैट या लिपिड यानी वसा (High Cholesterol Test) हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रैट के बाद सबसे अधिक हमें फैट की जरूरत होती है. फैट एक चिपचिपा पदार्थ है जो शरीर में कई काम करता है और अतिरिक्त हो जाने पर शरीर में विभिन्न रूपों में जमा होने लगता है. अगर हमारे शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाए तो पहले यह खून में जमा होने लगता है. इसके बाद हार्ट से निकलने वाली धमनियों को घेरने लगता है. यह धमनियों में चिपक जाता है. इससे खून का प्रवाह कम हो जाता है और इस कारण हार्ट अटैक, कार्डिएक अरेस्ट भी आ सकता है जो जानलेवा साबित हो सकता है. आजकल युवा उम्र में ही लिपिड या फैट बढ़ने का इसलिए जोखिम ज्यादा हो गया है क्योंकि हमारा खान पान बहुत अनहेल्दी हो गया है और हमारी फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो गई है. इन सबका खामियाजा शरीर में ज्यादा कोलेस्ट्रॉल या लिपिड से चुकाना पड़ता है.
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लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में किसका क्या मतलब
हमारे शरीर में कई तरह के लिपिड (Lipid profile test) यानी फैट होते हैं. इसका पता खून से चल जाता है. मुख्य रूप से फैट के रूप में हमारे शरीर में एलडीएल यानी लो डेंसिटी लिपिड (LDL),एचडीएल यानी हाई डेंसिटी लिपिट (HDL), ट्राइग्लिसराइड्स और वीएलडीएल (VLDL) होता है. इनमें एलडीएल का बढ़ना हमारे लिए खतरनाक है. यही हमारी धमनियों को जाम करने लगता है जिसके कारण खून का प्रवाह कम हो जाता है या रूक जाता है. वहीं ट्राईग्लिसराइड्स भी अगर बढ़ जाए तो यह खून की नलियों को सख्त बना देता है जिससे नलिया सिकुड़ने लगती है और खून के प्रवाह को रोक सकती है या नलिया फट सकती है. इसके अलावा एचडीएल हमारे लिए अच्छा है. इसलिए इसे गुड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है. यह बैड कोलेस्ट्रॉल को गलाकर बाहर निकालने में मदद करता है. टोटल कोलेस्ट्रॉल सभी तरह के कोलेस्ट्रॉल को जोड़ है. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में इन सारी चीजों की मात्रा को जांचा जाता है.
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