Greater Noida News: ड्राइवरों की हड़ताल से यात्रियों को हो रही परेशानी, नहीं मिल रही हैं बसें
Greater Noida News: केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में ड्राइवरों की हड़ताल जारी है। जिससे लंबी दूरी के यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ठंड में घंटों इंतजार के बाद भी बस नहीं मिल रही हैं । यूपी रोडवेज के 30 फीसदी ड्राइवरों के हड़ताल में शामिल होने से परेशानी बढ़ गई हैं। हर रूट पर बसों का संचालन प्रभावित हुआ है। ड्राइवरों ने सूरजपुर-दादरी मार्ग पर सुत्याना और कच्ची सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में निजी बसों के संचालकों की तीन दिवसीय हड़ताल का ग्रेटर नोएडा में व्यापक असर दिखा। हड़ताल से लंबी दूरी के यात्री सबसे ज्यादा हलकान दिखे। ठिठुरन भरी ठंड में बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। वहीं यूपी रोडवेज के 30 फीसदी ड्राइवरों के हड़ताल में शामिल होने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है। वहीं हड़ताल करने वाले बस और ट्रक ड्राइवरों ने सूरजपुर-दादरी मार्ग पर सुत्याना और कच्ची सड़क पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कई किमी लंबा जाम लग गया। निजी बस ऑपरेटरों की दो दिन हड़ताल और रहेगी, ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
ग्रेटर नोएडा में परी चौक से प्रदेश के ज्यादातर जिलों के लिए यूपी रोडवेज के साथ निजी बसें मिलती हैं। सोमवार को निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल होने के चलते लंबी दूरी की एक भी बस दिखाई नहीं दी। जिससे लोग इधर से उधर भटकते रहे। पूर्वांचल के जनपदों के साथ-साथ अलीगढ़, मथुरा व आगरा जाने वाले लोगों को भी बसों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। ग्रेटर नोएडा में अपने एक रिश्तेदार से मिलने आए कानपुर निवासी आशीष कुमार घर जाने के लिए परी चौक पर बस का इंतजार रहे थे, लेकिन बस नहीं मिली। 31 दिसंबर को उनका ट्रेन का रिजर्वेशन था। लेकिन नववर्ष मानने के लिए वह रुक गए थे। वहीं धर्मेंद्र और पूरन सिंह भी बस का इंतजार करते परेशान हो गए। घंटों इंतजार के बाद भी बस नहीं मिलने पर धर्मेंद्र ने दिल्ली जाकर ट्रेन से कानपुर जाने का फैसला किया।
विरोध प्रदर्शन से लगा जाम, चालक परेशान
नए कानून के विरोध में उतरे निजी बस व ट्रक ड्राइवरों ने नोएडा-दादरी मार्ग पर सुत्याना व कच्ची सड़क पर विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम कर दिया। सुबह 9 से करीब 11 बजे तक जारी प्रदर्शन की वजह से करीब दो किमी लंबा जाम लगा गया। करीब दो घंटे बाद पुलिस ने समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। बस ऑपरेटरों ने नए कानून को रद्द करने की मांग की है। ड्राइवरों का कहना है कि कोई जान बूझकर एक्सीडेंट नहीं करता है।
रोडवेज की 153 में से 96 बसें हुईं संचालित
निजी बसों के ऑपरेटरों के साथ यूपी रोडवेज के भी करीब 30 फीसदी ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। नए कानून के डर से वह ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। अहम है कि ग्रेटर नोएडा डिपो से रोजाना 153 बसें संचालित की जाती हैं। सोमवार की हड़ताल की वजह से केवल 96 बसें ही सड़क पर उतरीं। इससे हर रूट प्रभावित हुआ और यात्रियों को खासी परेशानी हुई। हड़ताल के चलते रोडवेज के कुछ ड्राइवर भी ड्यूटी पर नहीं आए। कर्मचारियों की उपलब्धता के हिसाब से बसें संचालित की गईं। फिर भी ज्यादातर रूट प्रभावित हो रहे हैं। ड्राइवर नए कानून से डरे हुए हैं।
ऑटो चालकों ने वसूला मनमाना किराया
निजी बसों के चालकों की हड़ताल का असर क्षेत्र के दादरी, दनकौर, बिलासपुर, रबूपुरा व जेवर क्षेत्र में दिखा। लोगों को बसों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। इसका फायदा ऑटो चालकों ने उठाया। यात्रियों से मनमाना किराया वसूला।
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हिट एंड रन मामले में 10 साल की जेल और सात लाख जुर्माने का प्रावधान
केंद्र सरकार ले सड़क दुर्घटना पर लगाम लगाने के लिए हिट एंड रन कानून में संशोधन किया है। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन मामले में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। यह कानून ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टर को रास नहीं आ रहा है। इसके विरोेध में तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है।