Greater Noida News: इस वजह से अथॉरिटी वापस लेगी बिल्डरों से जमीन
Greater Noida News: नोएडा प्राधिकरण से जुड़ी एक बड़ी खबर है। नोएडा प्राधिकरण जल्द ही बिल्डरों से जमीन वापस लेगा। प्राधिकरण अपनी बिलदारी के पास बकाया रकम को निकालने के लिए ये कदम उठाएगा। इसके लिए स्कीम निकालकर भूखंड नंबर बेचे जाएंगे। विभिन्न बिल्डरों पर अथॉरिटी का 15 हजार करोड़ बकाया है, जिसमें 4 हजार करोड़ ग्रेनो प्राधिकरण पर कर्ज है। भारी कर्ज की वजह से प्राधिकरण विकास कार्यों को गति नहीं प्रदान कर पा रहा है।
क्या है पूरा मामला
खबर के अनुसार ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के बकाया नहीं चुकाने से परेशान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब उनसे जमीन वापस लेगा। स्कीम निकालकर दूसरे बिल्डरों को भूखंडों की बिक्री की जाएगी। इससे प्राधिकरण की आमदनी बढ़ेगी और कर्ज चुकाना आसान होगा। इसके लिए सर्वे शुरू करा दिया गया है। अहम है कि अलग-अलग बिल्डरों पर प्राधिकरण का करीब 15 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने बताया कि प्राधिकरण पर करीब चार हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। भारी कर्ज की वजह से प्राधिकरण विकास कार्यों को गति नहीं प्रदान कर पा रहा है।
अब बिल्डरों के पास फंसी रकम को निकालने के लिए निर्माणाधीन प्रोजेक्टों का सर्वे कराया जा रहा है। इसमें यह पता लगाया जा हरा है कि बिल्डर कितनी जमीन पर निर्माण करा रहा है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद बची जमीन का सर्वे कर प्राधिकरण नए सिरे से बचे भूखंड का इस्तेमाल की योजना बनाएगा। अधिकारियों के मुताबिक अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशें लागू होने के बाद कई बिल्डर बकाया देने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए यह सर्वे कराकर उनसे जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सर्वे में आवासीय परिसर से बाहर की जमीन पर स्कीम लाई जा सकती है या उनकी सीधी बिक्री की जा सकती है। इससे प्राधिकरण को अपना बकाया मिल जाएगा और कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी।
आम्रपाली ने चुकाए 66 करोड़ की पहली किस्त
ग्रेनो प्राधिकरण ने बिल्डरों के पास फंसे पैसे को निकालने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। हाल ही में आम्रपाली समूह पर बकाया करीब दो हजार करोड़ रुपये में से पहली किस्त 66 करोड़ प्राधिकरण को मिल गए हैं। जल्द ही 450 करोड़ रुपये मिलने के आसार हैं। एनबीसीसी के सहयोग से प्राधिकरण को करीब दो हजार करोड़ रुपये साल-2024 में मिल जाएंगे।आम्रपाली समूह के दिवालिया होने के कारण यह राशि फंस गई। अब इस मामले को अदालत के आदेश पर एनबीसीसी देख रहा है। प्राधिकरण ने पिछले दिनों एनबीसीसी के आला अधिकारियों के साथ वार्ता करके प्राधिकरण की माली हालत की जानकारी देते हुए फंसी राशि को दिलवाने की गुहार लगाई थी। एनबीसीसी ने औद्योगिक व आईटी के भूखंड पर बकाया 118 करोड़ और एफएआर के 450 करोड़ रुपये शामिल करते हुए करीब दो हजार करोड़ देने के लिए हामी भरी थी। इसमें बुधवार को 66 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राधिकरण को मिल गई है। वहीं, प्राधिकरण सीईओ रवि कुमार एनजी ने कहा कि समूह की संपत्ति को बेचकर शेष राशि जुटाई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण को आईटी भूखंड के बकाया 91 करोड़ रुपये और औद्योगिक भूखंड के बकाया करीब 27 करोड़ रुपये भी जल्द मिलेंगे।
अगले सप्ताह से बिल्डरों को कार्यालय बुलाएगा नोएडा प्राधिकरण
नोएडा। यूपी कैबिनेट की ओर से बिल्डर-खरीदार मामले की संस्तुति और प्राधिकरण बोर्ड की मुहर के बाद अब बिल्डरों पर बकाया राशि की गणना होगी। नोएडा प्राधिकरण थर्ड पार्टी फर्म से इसकी गणना कराएगा। बकाये की गणना के बाद अगले सप्ताह से बिल्डरों को प्राधिकरण कार्यालय बुलाया जाएगा। सीईओ लोकेश एम ने कहा कि बिल्डरों को किसी तरह की आपत्ति नहीं हो इसके लिए थर्ड पार्टी फर्म से बकाये की गणना कराने का फैसला लिया गया है। करीब एक सप्ताह में सभी बिल्डरों के बकाये की गणना हो जाएगी। इसमें दो साल के कोविड की अवधि वाले ब्याज और दंडात्मक ब्याज को घटा दिया जाएगा। फिर अगले सप्ताह से बिल्डरों को प्राधिकरण कार्यालय बुलाया जाएगा। इनमें उन बिल्डरों को भी बुलाया जाएगा जो कि एनजीटी की अवधि के दौरान छूट चाहते हैं। जो बिल्डर इसके लिए क्लेम करेंगे उनकी जांच के बाद छूट प्रदान की जाएगी। छूट की सभी राशियों को घटाने के बाद बचे हुए बकाये की वसूली के लिए बिल्डरों पर दबाव बनाया जाएगा।
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रजिस्ट्री के लिए बकाये की होगी वसूली
तीन माह मे रजिस्ट्री का काम पूरा कराने के लिए बिल्डरों को जमा किए जाने वाली राशि बतानी होगी। इस आधार पर बिल्डरों को बुलाकर पैसे आदि जमा कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पैसे जमा होने के साथ ही साथ रजिस्ट्री का काम भी चलता रहेगा। इसके लिए शिविर आदि लगाए जाएंगे। नोएडा से करीब 20 से 25 हजार फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री होगी।