Haridwar: शांतिकुंज में मनाया गया स्वर्ण जयंती व्याख्यान माला प्रोग्राम। यहां जानें प्रोग्राम की खासियत
Haridwar : हरिद्वार स्थित शांतिकुंज (Shantikunj) में स्वर्ण जयंती वर्ष (Golden Jubilee) व्याख्यान माला श्रृंखला का आयोजन किया गया. इस दौरान देव संस्कृति विश्वविद्यालय में पर्यायवरण संरक्षण और 600वाँ रविवारीय वृक्षारोपण किया गया. इस समारोह में पूर्व कैबिनेट मंत्री, महाराष्ट्र सरकार, के सुधीर मुनगंटीवार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकरत की उन्होंने विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण किया.
आपको बता दें गायत्री परिवार यूथ ग्रुप (Gayatri Pariwar Youth Group) कोलकाता लगातार 600 रविवारों से देश के विभिन्न हिस्सों में वृक्षारोपण किया है. इस अभियान के अभिनंदन में विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में आज ‘पर्यावरण संरक्षण एवं 600 वां रविवारीय वृक्षारोपण समारोह’ का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या ने गायत्री परिवार यूथ ग्रुप, कोलकाता से आए सभी परिजनों का स्वागत किया एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इस क्रांतिकारी अभियान को चलाने के लिए सभी का हार्दिक अभिनंदन किया।
इसी क्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आए जनप्रतिनिधि सुधीर मुनगंटीवार ने अपने विशेष उद्बोधन में कहा की गायत्री परिवार यूथ ग्रुप कोलकाता द्वारा लगभग 12 वर्षों की कठिन तपश्चार्य द्वारा वसुंधरा माँ को सुंदर बनाने एवं उनका कर्ज चुकाने के लिए चलाया जा रहा यह अभियान अत्यंत सराहनीय है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय की हरीतिमा और दिव्य वातावरण ने मेरे अंतः करण को प्रभावित किया है। यहाँ हमारी वैदिक संस्कृति के मूल भावों एवं उद्देश्यों को साथ लिए श्रेष्ठ युवाओं को गढ़ने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह दुर्लभ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे परम श्रद्धेय कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या जी ने कहा कि वृक्षारोपण का यह पुनीत अभियान परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के सात आंदोलनों में से एक ‘पर्यावरण संरक्षण’ को विशेष बल देता है। हमारे विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को इस आंदोलन के माध्यम से प्रेरणा लेनी चाहिए।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति आदरणीय श्री शरद पारधी जी, कुलसचिव आदरणीय श्री बलदाऊ देवांगन जी, समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, आचार्यगण, विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
इस दौरान माननीय अतिथि महोदय ने विश्वविद्यालय एवं शान्तिकुंज परिसर का भ्रमण किया। जिसमें मुख्यतः उन्होंने विश्वविद्यालय स्थित एशिया के पहले एवं एकमात्र बाल्टिक शिक्षा एवं संस्कृति केंद्र, दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान, श्रीराम स्मृति उपवन का अवलोकन किया गया। इस दौरान श्री सुधीर मुनगंटीवार जी ने कहा कि बाल्टिक देशों के साथ हमारे संबंध अमूल्य हैं तथा देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा बाल्टिक शिक्षा एवं संस्कृति केंद्र के माध्यम से बाल्टिक संस्कृति व भारतीय संस्कृति में निहित समानताओं पर शोध व अध्ययन अभूतपूर्व है। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान अपने आप में अनोखा संस्थान है जोकि धर्म एवं शांति को स्थापित करने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान के अवसरों को प्रदान करने के लिए संकल्पित है।