November 24, 2024, 1:45 pm

Ghaziabad News: 900 मीटर लंबी सड़क के लिए दस सालों का संघर्ष….आखिर कब पूरा होगा….

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday December 17, 2023

Ghaziabad News: 900 मीटर लंबी सड़क के लिए दस सालों का संघर्ष….आखिर कब पूरा होगा….

Ghaziabad News: गाजियाबाद से मेरठ रोड को लिंक करने से जुड़ी एक बेहद अहम खबर सामने आई है। राजनगर एक्सटेंशन से मेरठ रोड को लिंक करने के लिए लोगों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। राजनगर एक्सटेंशन के स्थानीय निवासियों ने हाथों मे तख्तियां लेकर ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ का नारा लगाया। मोरटी से होते हुए मेरठ रोड को लिंक करने वाली सड़क का कुछ भाग अभी अधूरा है। 900 मीटर लंबी इस सड़क बनाने के लिए लोग पिछले करीब दस सालों से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उनका ये इंतजार अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

क्या है पूरा मामला

Gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में रहने रहने वाले लोगों ने रविवार को जीडीए के खिलाफ ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ का नारा लगाकर प्रदर्शन किया। वर्ष-2012 से फाइलों में लटकी 900 मीटर लंबी सड़क के भाग को बनाने के लिए कई बार स्थानीय लोग जीडीए के अधिकारियों से मिल चुके हैं। राजनगर एक्सटेंशन वेलफेयर सोसाइटी के दीपांशु मित्तल ने बताया कि वह सड़क को बनवाने के लिए जीडीए के अधिकारियों और जिलाधिकारी से मिल चुके हैं, लेकिन अधिकारियों के भरोसा दिलाने के बाद भी सड़क नहीं बनाई गई। उन्होंने बताया कि 900 मीटर लंबी सड़क को बनवाने के लिए साल-2012 से संघर्ष किया जा रहा है। एक दशक बीत जाने के बाद भी सड़क बनाने का काम अधूरा है।

जीडीए ने डिमार्केशन शुरू कर दिया है

जानकारी के अनुसार जीडीए के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर लवकेश कुमार ने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन से मोरटी होते हुए मेरठ रोड को लिंक करने के लिए किसानों के साथ बैठक हो चुकी है। किसान अपनी जमीन देने के लिए तैयार हैं। किसानों के साथ अधिग्रहण की नई कीमत को लेकर भी सहमति बन चुकी है। जल्दी ही बची हुई 900 मीटर सड़क को बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल डिमार्केशन का कार्य  चल रहा है। उसके बाद किसानों को मुआवजे की रकम दी जाएगी और सड़क बनाने का टेंडर निकाल कर काम की शुरुआत की जाएगी।

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एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है

बातचीत करने पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि वे 900 मीटर लंबी की सड़क के लिए काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं। सड़क नहीं होने के कारण यहां कोई भी वाहन नहीं आता है। जिससे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उन्हें पैदल चलकर काफी दूर तक छोड़ना पड़ता है। इस कारण यहां रहने वाले लोगों को सड़क नहीं होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दिपांशु मित्तल ने बताया कि सबसे अधिक परेशानी रात के समय होती है, जब ओला और उबर वाले 900 मीटर पहले ही सवारियों को रात में छोड़ देते हैं। इसी के साथ किसी इमरजेंसी के समय यहां तक एंबुलेंस भी नहीं पहुच पाती है।

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