Flat Registry News: जेपी परियोजना में पिछले साल सिर्फ 411 फ्लैटों की हुई रजिस्ट्री, जानें पूरी खबर
Flat Registry News: नोएडा में फ्लैट रजिस्ट्री को लेकर बड़ी खबर है। यहां पर जेपी परियोजना के अंतर्गत पिछले साल सिर्फ 411 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है। जबकि सुरक्षा रियल्टर्स के टेकओवर को 13 माह पूरे होगी हैं और काम की रफ्तार बेहद धीमी है। इसके साथ ही 250 टावरों के काम साढ़े तीन साल में पूरे करने का दावा किया गया था।
क्या है पूरा मामला
बतादें, नोएडा (Flat Registry News) में पिछले एक साल में जेपी की परियोजना में केवल 411 फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री हुई है। बीते वर्ष मार्च में सुरक्षा रियल्टर्स ने जेपी की परियोजनाओं के टेकओवर के बाद साढ़े तीन साल में 250 टावरों का काम पूरा करने का दावा किया था, लेकिन यह हवा-हवाई साबित हुआ। टेकओवर के एक साल बाद भी काम की रफ्तार काफी धीमी है।
फ्लैट खरीदारों का कहना है कि टेकओवर के समय तीन माह में काम शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन वर्तमान समय तक सफलता हाथ नहीं लगी है। टेकओवर के बाद इंम्प्लीमेंटेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (आईएमसी) बनाई गई। इसमें सुरक्षा रियल्टर्स के दो सदस्य, आईआरपी, एक फ्लैट खरीदार और एक बैंकर को शामिल किया गया। दावा किया गया कि काम तेज गति से होगा, लेकिन अब तक केवल छह टावरों का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट मिला है।
केवल 62 टावरों का चल रहा काम
सुरक्षा रियल्टर्स के आने के बाद अब तक केवल 62 टावरों का काम शुरू हुआ है। यहां मजदूरों की संख्या भी लगातार घट रही है। दो टावरों की अब भी ओसी लंबित है, वहीं एक टावर पर कब्जे का प्रस्ताव आया है।
आईएमसी बनने के बाद केवल दो फीसदी रजिस्ट्री हो सकी
आंकड़ों के मुताबिक, आईएमसी बनने से पहले 13,393 लोगों को फ्लैटों पर कब्जे का ऑफर मिल चुका है। आईएमसी गठन के बाद केवल 61 खरीदारों को कब्जे का ऑफर मिला है। आईएमसी से पहले 11,926 खरीदारों की रजिस्ट्री हुई है, जबकि इसके बाद केवल 411 खरीदारों के रजिस्ट्री का सपना पूरा हुआ है। इसी तरह से आईएमसी से पहले 11,243 तो इसके गठन के बाद केवल 344 को फिजिकल हैंडओवर मिला है। ऐसे में कुल 32,724 फ्लैटों में से अब भी 19,270 इकाइयों का निर्माण और कब्जा मिलना बाकी है। आईएमसी बनने के बाद निर्माण की गति आगे नहीं बढ़ी है।
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कोर्ट में भी हैं मामले
आयकर के मामले में एनसीएलटी के फैसले को सुरक्षा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसकी सुनवाई की अगली तारीख 15 अप्रैल तक आने की उम्मीद है। इसी तरह से यीडा और जेएएल के मामले में एनसीएलएटी में लिस्टिंग की अगली तारीख 18 अप्रैल है। घर खरीदारों के अनुरोध पर एनसीएलएटी में यीडा के मामले में सुनवाई होगी। सुरक्षा के टेकओवर के 12 माह बाद भी काम की रफ्तार काफी धीमी है। घरों के समय से मिलने की संभावना काफी कम है। इससे खरीदार काफी निराश हैं। सुरक्षा की स्वीकृत समाधान योजना में यह अनिवार्य है कि उपलब्ध धनराशि से निर्माण कार्य जारी रखा जा सकता है। कंपनी के पास एक हजार करोड़ से ज्यादा का फंड मौजूद है लेकिन फिर भी निर्माण नहीं हो रहा है।