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Flat Buyers Issues: चुनाव के बाद बिल्डरों पर कसी जायेगी नकेल, प्राधिकरण ने करली तैयारी

Written By: गली न्यूज

Published On: Friday April 5, 2024

Flat Buyers Issues: चुनाव के बाद बिल्डरों पर कसी जायेगी नकेल, प्राधिकरण ने करली तैयारी

Flat Buyers Issues: लोकसभा चुनाव के बाद प्राधिकरण ने बिल्डरों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। क्योंकि, प्राधिकरण के बार-बार आग्रह करने के बाद भी बिल्डर पैसे जमा नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते फ्लैट्स की रजिस्ट्री होने काफी समस्याएं आ रही हैं।

क्या है पूरा मामला

बतादें, लोकसभा चुनाव (Flat Buyers Issues) के बाद नोएडा प्राधिकरण बकाया जमा नहीं करने और रजिस्ट्री के लिए आगे नहीं आने वाले 30 बिल्डरों पर नकेल कसेगा। इस बाबत प्राधिकरण योजना बना रहा है। हाल ही में सोसाइटियों में निवासियों की ओर से नो रजिस्ट्री नो वोट के बैनर लटकाने के अभियान से प्राधिकरण के अधिकारी घबराए हुए हैं। इस तरह की गतिविधि से यह संकेत जा रहा है कि बिल्डर-खरीदार मामले में शासन और प्राधिकरण कुछ नहीं कर पाए। ऐसे में अब प्राधिकरण सख्त रवैया अपना सकता है।

60 दिन के भीतर 25 प्रतिशत राशि जमा कराएं बिल्डर

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार की ओर से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू कर बिल्डर-खरीदार मामले के समाधान की कोशिश की गई। बिल्डरों को एनजीटी के दो वर्ष और कोविड काल के दो वर्ष के ब्याज पर छूट प्रदान की गई। बिल्डरों को कहा गया कि वह छूट के पैकेज पर साइन करें और 60 दिन के भीतर 25 प्रतिशत राशि जमा कराएं। इस राशि के एवज में उतने ही फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री हो सकेगी।

बिल्डरों के पास प्राधिकरण का 8000 करोड़ का बकाया

लेकिन वर्तमान समय तक चंद बिल्डरों ने छूट के पैकेज पर साइन किए और इससे प्राधिकरण के पास करीब 100 करोड़ का बकाया वापस आ पाया, जबकि कोर्ट के मामले को छोड़ दें तो बिल्डरों के पास प्राधिकरण का 8000 करोड़ का बकाया है। अगर कोर्ट के मामले को भी शामिल कर लें तो यह बकाया बढ़कर 28 हजार करोड़ का होता है।

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केवल मुलाकात की, न पैसे जमा कराए न ही रजिस्ट्री कराई

नोएडा प्राधिकरण के बुलावे पर करीब 35 बिल्डर आए। पैसे देने और रजिस्ट्री कराने पर सहमति भी दी। लेकिन गिनती के बिल्डरों ने पैसे जमा कराए। गिनती की रजिस्ट्री भी हुई। सोसाइटियों से शुरू करते हुए इंदिरा गांधी कलाकेंद्र में दो दिन की रजिस्ट्री भी हुई। लेकिन यह संख्या कुल 100 से कुछ अधिक रही। जबकि यहां हजारों रजिस्ट्री लंबित पड़ी हुई है।

बिल्डरों ने प्राधिकरण से संपर्क करने तक की कोशिश नहीं की

नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों का ऑडिट भी करा सकता है। इसके माध्यम से बिल्डरों पर दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी। वजह यह कि बड़े बिल्डरों की ओर से इस छूट के पैकेज पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। आलम यह है कि ऐसे बड़े बिल्डरों ने प्राधिकरण से संपर्क करने तक की कोशिश नहीं की। इन पर 100 करोड़ से लेकर 3 हजार करोड़ तक का बकाया है।

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