Fastag Update: One Vehicle, One Fastag, हुआ देशभर लागू, नही कर सकेंगे कई Fastag का उपयोग
Fastag Update: नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से पूरे देश में One Vehicle One FASTag को लागू कर दिया गया है। भारत में नेशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे पर सफर के समय FASTag को अनिवार्य पहले ही किया जा चुका है। नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से One Vehicle One FASTag को लागू किए जाने के बाद क्या असर हो सकता है। आइए जानते हैं।
क्या है पूरा मामला
बतादें, भारत में नेशनल हाइवे (Fastag Update) और एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स लेने के साथ ही इनको बनाने वाली संस्था NHAI की ओर से एक अप्रैल 2024 से One Vehicle, One FASTag को लागू कर दिया गया है। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि One Vehicle, One FASTag को लागू करने के बाद क्या असर होगा। आइए जानते हैं विस्तार से…
One Vehicle, One FASTag हुआ लागू
नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया की ओर से जानकारी दी गई है कि पूरे देश में एक वाहन, एक फास्टैग को लागू कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का उद्देश्य ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ के जरिए सिर्फ एक फास्टैग के उपयोग को बढ़ावा देना है।
एक से ज्यादा फास्टैग का नहीं कर पाएंगे उपयोग
बताया गया है कि एक से ज्यादा फास्टैग अब काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास एक वाहन के लिए कई फास्टैग हैं, वे 1 अप्रैल 2024 से उन सभी का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
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मार्च में बढ़ाई थी समयसीमा
Paytm FASTag उपयोगकर्ताओं की समस्याओं को देखते हुए NHAI ने ‘एक वाहन, एक FASTag’ पहल अनुपालन की समय सीमा मार्च के अंत तक बढ़ा दी थी। लेकिन अप्रैल में नए वित्त वर्ष की शुरूआत होने के साथ ही एनएचएआई की ओर से इसे भी लागू कर दिया गया है। पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के ग्राहकों और व्यापारियों को 15 मार्च तक अपने खाते दूसरे बैंकों में स्थानांतरित करने की सलाह दी थी।
आठ करोड़ से ज्यादा हैं यूजर्स
FASTag के जरिए देशभर के नेशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स लिया जाता है। इस संग्रह प्रणाली को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से संचालित किया जाता है। मौजूदा समय में देशभर में करीब आठ करोड़ से ज्यादा इसके यूजर्स हैं। यह सीधे टोल मालिक से जुड़े प्रीपेड या बचत खाते से टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का उपयोग करता है।