ED Raid on 3C Builder: इस बिल्डर पर ईडी ने कसा शिकंजा, अरबों रुपए की धोखाधड़ी का लगा आरोप…प्राधिकरण पर भी उठे सवाल
ED Raid on 3C Builder: नोएडा के एक नामी 3C बिल्डर पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके साथ नोएडा प्राधिकरण को भी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने 3C बिल्डर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा में लग्जरी हाउसिंग परियोजना से जुड़े करोड़ों के वित्तीय लेनदेन की जांच के आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार (ED Raid on 3C Builder) एक बार फिर शहर के नामी बिल्डर 3C की परेशानी बढ़ गई है। इसके साथ नोएडा प्राधिकरण को भी फटकार लगाई गई है। हाईकोर्ट ने 3C बिल्डर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा में लग्जरी हाउसिंग परियोजना से जुड़े करोड़ों के वित्तीय लेनदेन की जांच के आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए है। इस बिल्डर को लोटस ब्रांड के लिए जाना जाता है। हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए कहा गया कि 3C बिल्डर को केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ मिलकर काम करना होगा।
सवालों में घिरा नोएडा प्राधिकरण
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और प्रशांत कुमार ने नोएडा प्राधिकरण की भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, “नोएडा प्राधिकरण ने एक निजी व्यापारी के रूप में काम किया। प्राधिकरण के अधिकारी निर्दोष घर खरीदारों को धोखा देने के लिए डेवलपर्स के साथ मिलीभगत कर रहे है।” कोर्ट ने आगे कहा, “खरीदार अधूरी परियोजनाओं में अपने अपार्टमेंट पर कब्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहे है।
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जमानत याचिका दायर
जिसने इस शर्त पर अंतरिम जमानत दे दी कि समझौते का सख्ती से पालन किया जाएगा। लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्होंने न तो प्रस्तावित 60 करोड़ रुपये का भुगतान किया और न ही परियोजना पूरी की। सितंबर 2019 में नोएडा प्राधिकरण ने एचपीपीएल, सिंह, सूरी और भारद्वाज को 64 करोड़ रुपये की वसूली नोटिस जारी किया। नोटिस को चुनौती देते हुए तीनों ने अलग-अलग उच्च न्यायालय का रुख किया। लोटस 300 अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन ने भी उच्च न्यायालय का रुख किया। इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान 29 फरवरी का आदेश पारित किया गया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को फटकार लगाते हुए कहा, “आपकी मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था। आपकी कमी से ही घर खरीदारों को सपनों की चाबी नहीं मिल पा रही।” उम्मीद है की हाई कोर्ट की फटकार के बाद घर खरीदारों का रास्ता साफ होगा।