Dog Attack in Delhi: बच्ची पर खूंखार पिटबुल ने किया हमला, परिजनों ने शिकायत दर्ज करा निकाली मशाल यात्रा
Dog Attack in Delhi: राजधानी दिल्ली से डॉग अटैक का एक बेहद दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जिसे सुनकर हर कोई परेशान हो रहा है। दिल्ली के रोहिणी इलाके में खूंखार पिटबुल ने एक मासूम बच्ची को अपना शिकार बना लिया और उसे बुरी तरह नोच डाला। पिटबुल ने बच्ची के दोनो हाथ और पैरों के अलावा शरीर के कई हिस्सों में काट कर उसे जख्मी कर दिया जिससे बाद पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के रोहिणी में एक बच्ची पर पिटबुल डॉग ने हमला कर उसे लहूलूहान कर दिया पिटबुल ने बच्ची के दोनो हाथ और पैरों के अलावा शरीर के कई हिस्सों में काट कर उसे जख्मी कर दिया जिससे बाद पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है। पीड़ित के पिता श्रीकान्त भगत के द्वारा आज एक रैली निकाली गई जिसमें भारी संख्या में स्थानीय लोग उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलते दिखे श्रीकांत भगत ने कहा कि में मानता हु कि कुत्ते पालना गलत नहीं है यदि किसी में कुत्ते से होने वाली दुर्घटना को रोकने की क्षमता हो और कुत्ता रखने वाले की छोटी से छोटी लापरवाही के कारण यदि कोई दुर्घटना घट जाये तो पालने वाले को सख्त सजा होनी चाहिए।
ज्यादातर लोग कुत्ता पालने के लिए आवश्यक लायसेंस भी नहीं रखते हैं और न ही पालतू कुत्ते को रखने के लिए आवश्यक मापदंड या नियम का पालन करते हैं।आवारा कुत्तों को खिलाने एवं सह देने वाले कानून का हवाला देकर दूसरों को धमकी देते हैं परन्तु वही लोग इन कुत्तों से होने वाली हानि की जिम्मेवारी नहीं लेते हैं।
यदि कानून एवं न्यायिक निर्णय कुत्तों के अधिकार की पुष्टि करते हैं तो भारत का संविधान भी मनुष्य को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार देता है। ऐसे में मानव जीवन की रक्षा प्रथम या मनुष्य का पशु प्रेम एवं शौक प्रथम वरीयता होनी चाहिए।
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कभी मनुष्य एवं कुत्ता करीबी मित्र हुआ करते थे परन्तु आज कुत्तों की बढ़ती आबादी एवं कुत्तों से होने वाली राष्ट्रव्यापी निरन्तर दुर्घटनाओं के कारण इस मित्रता पर प्रश्न चिह्न लगता नजर आ रहा है। आज प्रशासन के लिए कुत्तों का आतंक कानून-व्यवस्था जैसी चुनौती बनता जा रहा है। प्रशासन को जल्द ही इस समस्या से निपटने के उपाय ढूंढने होंगे। पीड़ित के पिता श्रीकांत भगत ने कहा की कुत्तों के खिलाफ मशाल मार्च, इस प्रकार का पहला कदम है जो जन जागरूकता के माध्यम से “कुत्ता आपदा” की चुनौती का सामना करने में लोगों की मदद कर सकता है।