July 27, 2024, 1:20 pm

Delhi Metro News: मेट्रो में जबरन दरवाजा रोका तो बर्दास्त नही करेगी DMRC, जानें क्या हैं नए नियम

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday January 4, 2024

Delhi Metro News: मेट्रो में जबरन दरवाजा रोका तो बर्दास्त नही करेगी DMRC,  जानें क्या हैं नए नियम

Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो से जुड़ी बेहद अहम खबर है। मेट्रो ट्रेन के दरवाजे बंद होने से जबर्दस्ती रोकना अब यात्रियों को भारी पड़ सकता है। मनमानी की बढ़ती घटनाओं के बीच डीएमआरसी ने फैसला किया है कि अब वह गेट बाधित करने वाले यात्रियों के खिलाफ पुलिस शिकायत करेगी। कुछ यात्रियों के खिलाफ मामले दर्ज भी करवाए जा चुके हैं।दिल्ली मेट्रो ट्रेन के गेट बाधित करने के 1-2 मामले रोजाना देखे जाते हैं। यात्री जानबूझकर पैर, बैग या अन्य वस्तुओं से दरवाजों को बंद होने से रोकते हैं। आमतौर पर दूसरों को कोच में प्रवेश करने में मदद करने के लिए गेटों को रोकते हैं।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक दिल्ली में एक महिला ने गुरु द्रोणाचार्य स्टेशन पर मेट्रो ट्रेन के दरवाजे बंद होते देख अपना बैग बीच में डाल दिया ताकि वे फिर से खुल जाएं। हालांकि, दरवाजे बैग पर बंद हो गए और ट्रेन कुछ मीटर आगे बढ़ने के बाद ट्रेन रुक गई। यात्री इस तरह के तिकड़म हर रोज मेट्रो ट्रेनों में भिड़ाते रहते हैं जो हादसे का कारण बन सकता है। साथ ही ट्रेन रनिंग टाइम में भी देरी हो सकती है जिसका बाद पीछे आने वाली ट्रेन भी प्रभावित होगी। इसलिए, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने मंगलवार को दरवाजों के बीच बैग अड़ाने वाली महिला की शिकायत पुलिस से कर दी।

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अब जबर्दस्ती की तो सजा जान लीजिए

हाल ही में 35 वर्षीय एक महिला का कपड़ा मेट्रो में फंस गया जिससे वो घसीटती चली गई और इस कारण उसकी मौत हो गई। ऐसे हादसे में पहली मौत के बाद उठे सवालों के बीच डीएमआरसी ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए तो पाया कि दरवाजों को बंद होने से रोकने की कोशिश करना यात्रियों का शगल बन गया है। इसलिए डीएमआरसी ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि कोच के गेटों को रोकना मेट्रो रेलवे (ऑपरेशन एंड मेंटनेंस) एक्ट, 2002 की धारा 67 के तहत अपराध है, जिसके लिए चार साल तक के कारावास या 10 हजार रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है।

कैसे-कैसे तिकड़मों से रोकते हैं दरवाजा!

जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन पर सोमवार को दर्ज एक मामले में एक महिला ने तब कोच में घुसने की कोशिश की जब गेट बंद हो रहे थे। उसका कोट बंद दरवाजों के बीच फंस गया और महिला थोड़ी दूर तक घिसटती रही। हालांकि, उसकी जान बच गई। एक यात्री 27 दिसंबर को न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर खड़ी मेट्रो के दरवाजों के बीच खड़ा हो गया ताकि गेट नहीं लगे क्योंकि उसे अपने साथ आई महिला को कोच में घुसने में देर हो गई थी। डीएमआरसी ने कहा कि जबरन रुकावट के कारण कोच का दरवाजा खराब हो गया और 15 मिनट की देरी हुई। पुलिस इसकी शिकायत दर्ज करेगी।

अब बर्दाश्त नहीं करेगी डीएमआरसी

डीएमआरसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम यात्रियों को कोच के गेटों को रोककर अपनी जान जोखिम में डालने के खिलाफ सावधान करना चाहते हैं। वैसे भी कुछ ही मिनटों में एक और ट्रेन आ जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि गेट बंद करने से रोकने वाले लोगों की घटनाएं बढ़ रही हैं।’ अधिकारी ने कहा कि डीएमआरसी ऐसा करने वाले यात्रियों के खिलाफ अब पुलिस शिकायत दर्ज करेगी और उन पर जुर्माना भी लगाएगी।

अधिकारी ने आगे कहा, ‘यदि किसी यात्री का सामान ट्रेन के दरवाजे में फंस जाता है, तो वह शरीर में भी उलझ सकता है और व्यक्ति को चोट लग सकती है। ट्रेन का दरवाजा खुद से बंद होने के तीन प्रयास करता है। यदि लगातार रुकावट होती है तो दरवाजा खुल जाता है और आगे भी ऐसा ही रहता है। ऐसी स्थिति में ट्रेन नहीं चलती है। तब ट्रेन ऑपरेटर को आकर दरवाजा बंद करना पड़ता है।’

जागरुकता बढ़ाने की भी कवायद

डीएमआरसी ने मेट्रो स्टेशनों पर एक वीडियो चलाना शुरू किया है जो यात्रियों को इस तरह के काम के जोखिमों के बारे में चेतावनी देता है। इसके साथ ही, लोगों को इस बारे में शिक्षित करने के लिए साइनेज भी लगाए जा रहे हैं। डीएमआरसी में कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन के प्रिंसिपल एग्जिक्युटिव डायरेक्टर अनुज दयाल कहते हैं, ‘डीएमआरसी पहले से ही ट्रेनों के अंदर यात्रियों को सलाह देने वाली घोषणाएं करती है कि वो बोर्डिंग या डीबोर्डिंग के दौरान अपनी साड़ी, धोती, दुपट्टा, बैग आदि का ध्यान रखें। हाल की घटना के मद्देनजर अतिरिक्त उपाय भी किए जा रहे हैं, जिसमें पूरे रेल नेटवर्क में प्लैटफॉर्म स्क्रीन के दरवाजे और ट्रेन के दरवाजे पर अतिरिक्त साइनेज लगाना शामिल है।’

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अनुज दयाल ने कहा कि प्रमुख स्टेशनों पर लगे डिजिटल स्क्रीन और ट्रेनों के अंदर स्क्रीन भी जागरूकता वीडियो चलाए रहे हैं, जो विशेष रूप से यात्रियों को कोच से चढ़ने और उतरने के दौरान सुरक्षा सावधानियों के बारे में शिक्षित करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी जोखिमों के बारे में जानकारी फैलाने के लिए सोशल मीडिया हैंडल का भी इस्तेमाल कर रही है।

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