Ganga Ka Lal Award: इन्हें मिला गंगा का लाल अवार्ड, दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुआ प्रोग्राम , केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने की सराहना
Ganga Ka Lal Award: ‘जल बिन सब सून’ लंबे समय से यह कहावत चला आ रहा है। हर कोई इस कहावत को जानता है लेकिन उसके महत्व को शायद ही समझता है। अगर समझता तो आज जल की बूंद को लेकर के जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत नहीं पड़ती।
पृथ्वी पर जीवन का सबसे जरूरी स्रोत जल है और जल संकट से निपटने, उसकी समस्या एवं समाधान के लिए 21 सितंबर 2022 को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में ‘गंगा का लाल’ (Ganga Ka Lal Award) कार्यक्रम का अयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हुए।
इस दौरान शेखावत ने कहा कि भारत के सामने एक बड़ी चुनौती है क्योंकि यहां कई जलवायु क्षेत्र है। यहाँ बहुत सारी भौगोलिक असमानताएं है। हमारे पास जल की कमी नही है बस कमी है तो अच्छे प्रबंधन की है। गोवा को ‘सुजल प्रदेश’ घोषित किया गया है ।
जल शक्ति मंत्री शेखावत ने कहा ‘कृषि क्षेत्र में हम जल का समुचित उपयोग कैसे कर सकते हैं इस पर हमें विचार करना चाहिए और उसका प्रबंधन करना चाहिए। क्योंकि उपयोग में आने वाले सबसे अधिक पानी कृषि में प्रयोग किया जाता है। हमें अपने वाटर ईको सिस्टम बनाए रखने के लिए वर्षा के जल को संरक्षित रखने की जरूरत है। जल संरक्षण के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है इस पर हमें सोचना चाहिए।‘
https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम में स्पेशल गेस्ट के तौर पर ओडिशा के केंद्रपाड़ा से सांसद अनुभव मोहंती, जस्टिस करुणा नंद बाजपाई और गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर झांसी के जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार शामिल हुए। साथ ही जल संरक्षण से जुड़े हुए लोग विषयों पर अपने विचार व्यक्त किया|
पर्यावरणविद्, समाजसेवी सहित कई अन्य गणमान्य महानुभाव द्वारा देश में जल संकट एवं जगह जगह पर जल संरक्षण के लिए चलाये रहे अभियान, जल प्रबंधन, समस्या एवं निदान के बारे में व्याख्यान दिया और गहन चर्चा परिचर्चा की जिसमें प्रमुख रूप से लक्ष्मण सिंह जी (राजस्थान के लातोरिया गांव) ने बताया कि चोका सिस्टम द्वारा पानी के जल स्तर को संतुलित किया जाता है मेडबंदी करके जल संरक्षण, उन्नत बीज द्वारा फसलों की पैदावार को बढ़ाने, पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित करने के लिए जैव संतुलन को बनाये रखने पारंपरिक तकनिकी को बताया| ‘धरती जतन यात्रा’ के माध्यम से लोगों को जागरूक के बारे में अपने विचार व्यक्ति किया
संजय सिंह जने बताया कि बुंदेलखंड के क्षेत्र में जलवायु की समस्या निरंतर बनी रहती है| ‘जल सहेली मॉडल’ के माध्यम से 2 हजार से अधिक तालाब को रिचार्ज किया जा चुका हैं। हजारों माताएं-बहनें इस मुहिम से जुड़ी हुई है। मेरा एक ही लक्ष्य है की प्रत्येक गांव में एक ‘जल सहेली’ संगठन हो जिससे फसलें अच्छी हो सके और सभी शुद्ध पेय जल भी प्राप्त हो सके।
योगेश जी ने बताया कि ‘जन सरोवर’ के माध्यम से आज सम्पूर्ण देश में तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे भूमिगत जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है|
राकेश सिंह ने कहा कि यह बड़ा ही गंभीर विषय है कि सरकार के लाख प्रयास के बाद भी आज यमुना नदी का प्रदूषण कम नही हो पाया है। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। हमें स्वतः संज्ञान में लेते हुए जल संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए।
डॉ. मीना ने बताया कि गांव के लोगों को अपनी व्यवाथाएं बनानी आती है और पारंपरिक व्यवस्थाओं के आधार पर पहले के समय में पारिस्थितिक संतुलन को बनाये रखते थे| जिससे संतुलन बना रहता था।
वॉटर मैन के नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध राजेंद्र सिंह ने कहा कि हमें गंगा की सफाई के लिए गंभीरता से सोचना चाहिए आज पूरी दुनियां में जल संकट है यदि समय से पूर्व इसपर विचार नही किया गया तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इस कार्यक्रम में ‘गंगा का लाल’ नाम से ही एक लघु फिल्म भी दिखयी गयी जिसमें श्री रविन्द्र कुमार द्वारा माउंट एवेरेस्ट यात्रा के मध्यम से लोगों की दिया गया संदेश एवं जल संरक्षण का विधाओं को फिल्माया गया है| रविन्द्र कुमार माउंट एवेरेस्ट पर पहुँचने वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी हैं| इन्होंने जल संरक्षण की मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए गंगा का जल माउंट एवेरेस्ट पर ले जाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया |
फिल्म निर्माता और संस्थापक शटरहेड फिल्म्स मनप्रीत कौर द्वारा ‘गंगा का लाल’ कार्यक्रम को डिजाइन किया गया था जिन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन में अपनी अहम भूमिका निभाई। गंगा का लाल इस कार्यक्रम में प्रसिद्द इलेक्ट्रोनिक कंपनी तोशिबा और लीडिंग सोशल मीडिया एजेंसी श्री कौटिल्य के प्रमुख रजत जी का भी विशेष सहयोग रहा|
इस कार्यक्रम में जल संरक्षण, गलेशियरों का संरक्षण, भूमिगत जलस्तर, पेय जल, जल प्रदूषण सहित जल से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा की गयी। साथ ही देश भर से आए हुए प्रतिष्ठित समाजसेवी, पर्यावरणविद एवं जल संरक्षण में विशिष्ट योगदान देने वाले विद्वान जनों को सम्मानित किया किया गया।
कार्यक्रम के अंत में पंकज शर्मा ने इस आयोजन में शामिल सभी लोगों का सहृदय धन्यवाद किया और आगे भी ऐसे सहयोग करने की अपील की|
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