Cyber Crime: साइबर अपराधियों का अगला निशाना कहीं आप तो नहीं ? इन गलतियों से बचें ।
Cyber Crime: साइबर क्राइम थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अपराधी हर दिन किसी न किसी को चूना लगाकर उनसे पैसे ऐंठ रहे हैं। हैरान करने वाली बात ये है जनता को इतना जागरूक करने के बाद भी ठगों के झांसे में कैसे आ रही है जनता। आपको विश्वास दिलाकर झांसे में ले लेते हैं साइबर अपराधी।
क्या है पूरा मामला ?
नोएडा में भी एक शख्स आशीष जैन साइबर ठगी (Cyber Crime) का शिकार हो गए। अपराधियों ने केवाईसी के नाम पर शख्स से 4.28 लाख रुपए ठगे। आशीष जैन ने जब डेबिट कार्ट की डिटेल्स देखी तो उसे झटका लगा। डिटेल्स में उसे ठगी का पता चला। ADCP रणविजय ने बताया- आशीष जैन नोएडा सेक्टर 36 में रहते हैं। आशीष जैन का अकाउंट सेक्टर 20 में है। आशीष नेट बैंकिंग पर कैश ट्रांसफर करने की लिमिट बढ़ाना चाहते थे। कैश ट्रांसफर की लिमिट बढ़ाने के लिए आशीष ने कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया। फोन उठाने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया। आशीष ने अपनी समस्या उस शख्स को बताई तो उसने कहा केवाईसी बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। उसके बाद आरोपी ने एक नंबर से आशीष के मोबाइल पर लिंक भेजा। आरोपी ने आशीष से फॉर्म भरवाकर सारी डिटेल्स ले लीं। आरोपी ने डेबिट कार्ड समेत दूसरे बैंक अकांउट्स की भी जानकारी ली। आरोपी ने कहा- 2-3 घंटे में लिमिट बढ़ जाएगी। कुछ देर बाद आशीष के अकाउंट से 4.28 लाख गायब हो गए। 3 बार में निकाले गए 4.28 लाख रुपए।
यह भी पढ़ें:-
LED Bulbs: 15 रुपये से भी कम में खरीदें LED बल्ब, मिलेगी तीन साल की गारंटी
साइबर क्राइम का एक और मामला
दूसरा मामला नोएडा सेक्टर 45 आम्रपाली सोसाइटी में रहने वाले असीम चौधरी का है। जिनसे केवाईसी के नाम पर 96 हजार ठग लिए गए। असीम चौधरी के पास एक कॉल आया। आरोपी ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया। आरोपी ने असीम से केवाईसी अपडेट करने को कहा। अपराधी ने कहा- केवाईसी अपडेट कराएं वरना अकाउंट बंद हो जाएगा। असीम ने भी हामी भर दी। उसके बाद आरोपी ने असीम के अकाउंट की सारी डिटेल्स ली और 96 हजार निकाल लिए।
साइबर ठगों से कैसे रहें सावधान
- केवाईसी के लिए आए किसी भी मैसेज पर ध्यान न दें।
- केवाईसी के लिए आए मैसेज के नंबर पर कॉल न करें।
- फोन पर किसी को बैंक खाते,डेबिट कार्ड की जानकारी नहीं दें।
- किसी भी लिंक पर फॉर्म खुले तो उसे न भरें। अक्सर अपराधी लिंक के जरिए सभी जानकारी ले लेता है।
- OTP, UPI पिन, ATM पिन किसी को नहीं बताएं।
- नौकरी,पॉलिसी, बोनस, लॉटरी,सस्ता लोन ऑफर वाले फोन आए तो इग्नोर करें।
आपको बता दें, बैंक अधिकारी फोन, मैसेज, या किसी लिंक से ग्राहकों की बैंक की डिटेल्स नहीं मांगते।
किन गलतियों से बचें
- कंपनी या बैंक का नंबर गूगल पर सर्च नहीं करें।
- साइबर ठग अपराधी अपने नंबर भी डाल देते हैं।
- बैंक की आधिकारिक वेबासाइट से ही बैंक का नंबर लें।
यह भी पढ़ें:-