Noida Society Controversy: नोएडा की इस सोसायटी में नए और पुराने ऐप को लेकर चल रहा विवाद, रेजिडेंट परेशान
Noida Society Controversy: नोएडा की एक सोसाइटी में मेंटनेंस चार्ज ( Maintenance Charge) के लिए ऐप का विवाद (app dispute)तेज हो गया है. यहां के आम्रपाली जोडिएक सोसायटी (Amrapali Zodiac Society) में नए और पुराने ऐप का विवाद बढ़ रहा है. दरअसल, पांच साल से काम कर रही अजस्वा कमिटी का कार्यकाल खत्म हुआ तो नई कमिटी नया ऐप ले आई. इस ऐप को लेकर दोनों गुटों में घमासान तेज है।
क्या है मामला ?
हैरान कर देने वाला यह पूरा मामला नोएडा के सेक्टर 119 स्थित आम्रपाली जोडिएक सोसायटी (Amrapali Zodiac Society) की है. यहां एप का विवाद इतना बढ़ गया है कि आपस में ही रेजिडेंट्स इस मुद्दे पर दो फाड़ हो गए हैं। कुछ रेजिडेंट्स ने नए एप के लिए साफ मना कर दिया है। लोगों का कहना है कि बार-बार ऐप बदलने से न सिर्फ उनकी प्राइवेसी लीक हो रही है बल्कि चार्ज भी अधिक देना पड़ रहा है. सोसायटी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि नई कमिटी अभी से एनुअल चार्ज भी वसूल रही है. फिलहाल सोसायटी में मेंटिनेंस चार्ज न दिए जाने से इसका असर यहां की व्यवस्थाओं पर दिख रहा है.
क्या है विवाद
बता दें कि, सोसायटी में मेंटिनेंस चार्ज देने के लिए ऐप इस्तेमाल किए जाते हैं. ऐप में फ्लैट नंबर से लेकर नाम, पता, मोबाइल नंबर, गेट पास और गाड़ियों की एंट्री और जरूरी सामान की सूची दर्ज कराई जाती है. निवासी पांच साल से एक ऐप यूज कर रहे थे. इधर, अप्रैल में कमिटी का कार्यकाल खत्म हो गया. गठित हुई नई कमिटी के लोग नया ऐप ले आए. लोगों ने उस ऐप में रजिस्ट्रेशन किया ही था कि पता चला ऐप का कंपनी से टाइअप नहीं हुआ है. अब कमिटी तीसरा ऐप लाई है. जिसे डाउनलोड करने से लोगों ने मना कर दिया है.
लोगों का आरोप है कि तीसरा ऐप डाउनलोड किए बगैर ही उनके फोन पर मेसेज आ रहे हैं. जब ऐप फोन में है ही नहीं तो उनका डेटा कैसे पहुंच गया. उनकी डिटेल्स लीक की जा रही हैं. ऐसे में वे अब किसी ऐप पर भरोसा नहीं करेंगे. सोसायटी में कुल 22 टावर में 2260 फ्लैट हैं. यहां करीब 1800 परिवार में करीब 5500 लोग रह रहे हैं.
ये भी पढ़ें-
Banke Bihari Mandir: बांके बिहारी मंदिर में बड़ा हादसा, चार महिलाएं बेहोश, इतने घायल
https://gulynews.com को मिला जानकारी के अनुसार सोसायटी में अजस्वा 5 साल से काम कर रही है. अजस्वा ने दोबारा रजिस्ट्रेशन इसलिए नहीं करवाया क्योंकि उन्हें अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन (एओए) के चुनाव करवाने थे.
नई कमिटी
आम्रपाली प्रॉजेक्ट के ऑनर और सुप्रीम कोर्ट के रिसीवर ने एक पत्र जारी किया था कि जिन आम्रपाली सोसायटी में असोसिएशन रजिस्टर्ड नहीं है या कार्यकाल खत्म हो गया है. वहां पर एक अस्थायी कमिटी गठित कर सोसायटी को मैनेज किया जाएगा. इसके बाद एक कमिटी गठित की. पुरानी कमिटी का कार्यकाल अप्रैल में ही खत्म हो गया था, उन्होंने कमिटी का रिन्युवेल नहीं करवाया. इसके बाद भी वह लोगों से मेंटिनेंस ले रहे हैं. नई ऐप से एओए मेंबरशिप के लिए एक हजार रुपये एकस्ट्रा लिया जा रहा है. इसके अलावा मेंटिनेंस ही लिया जा रहा है.
रेजिडेंट्स की परेशानी
रेजिडेंट का कहना है कि सोसायटी में बिल्डर पहले ही लोगों को लूट के चला गया और सोसायटी में फेक एओए आ गई है. पैसे देने पर भी कोई काम नहीं हो रहा है. अब सोसायटी में नई कमिटी बनाई गई है लेकिन मेंटिनेंस चार्ज पहले वाली कमिटी के पास ही जा रहा था. इसलिए नया ऐप लाया गया. अब लोग इस ऐप में मेंटिनेंस चार्ज दे रहे हैं.
सोसायटी में नए ऐप का लोग विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि पुराने ऐप में दिक्कत क्या थी. लोगों के बीच ईगो की लड़ाई चल रही है. कोई कह रहा है कि नया ऐप यूज करो और कोई कह रहा है कि पुराना ऐप यूज करो. लोग समझ नहीं पा रहे हैं. हम लोग तो पुराना ऐप ही इस्तेमाल कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें:-
Phoenix Hospital Fire: दिल्ली के इस अस्पताल में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू