Parking fees noida: टेंडर खत्म होने के बाद भी पार्किंग फीस वसूल रहे ठेकेदार, क्या इनके खिलाफ होगी कार्रवाई!
Parking fees noida: नोएडा में पार्किंग (Parking)का टेंडर खत्म होने के बावजूद भी लोगों से पार्किंग का शुल्क वसूला गया. जिससे लोगों में गुस्सा है. इससे साफ हो गया कि पार्किंग ठेकेदारों के आगे नोएडा ट्रैफिक सेल (Noida Traffic Cell) पूरी तरह से फेल हो गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि, 30 नवंबर को ही ठेकेदारों के कर्मचारियों ने दिसंबर की पर्ची काट कर लोगों से सरफेस पार्किंग का शुल्क वसूल लिया, लेकिन जानकारी के बाद भी प्राधिकरण अधिकारियों ने लोगों के साथ की जा रही लूट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टा संरक्षण देकर उन्हें बचाया जा रहा है. जबकि अधिकारियों की ओर से दावा किया जा रहा था कि अगर टेंडर खत्म होने बाद किसी भी पार्किंग में ठेकेदारों की ओर से लोगों से पर्ची काटकर वसूली की गई तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा, लेकिन सोमवार को शहर में तमाम सरफेस पार्किंग स्थानों से ठेकेदारों के कर्मचारियों की वसूली की शिकायत नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंची.
पार्किंग स्थल का निरीक्षण
जिसके बाद एनटीसी अधिकारियों ने टीम भेजकर सेक्टर-32 स्थित लाजिक्स पार्किंग, सेक्टर-27 स्थित सब माल पार्किंग, सेक्टर-15 अल्का सिनेमा कामर्शियल पार्किंग, सेक्टर-2 स्थित एसबीआइ पार्किंग व सेक्टर-15 स्थित मेट्रो पाकिंग, सेक्टर-16 मार्केट में पार्किंग स्थल का निरीक्षण कराया. सभी जगहों पर ठेकेदारों कर्मचारियों की मौजूदगी मिली.
लाजिक्स पार्किंग, अल्का सिनेमा पार्किंग, सेक्टर-15 मेट्रो पार्किंंग, सबमाल पार्किंग में दिसंबर का पार्किंग शुल्क लेकर वाहनों को खड़ा कराया जा रहा था, जिसकी निगरानी कर्मचारियों की ओर से की जा रही थी. लाजिक्स माल के बगल से तो दिसंबर की पर्जी तक बरामद हुई, लेकिन अन्य स्थानों से नहीं मिला, लेकिन सेक्टर-16 बाजार में बिना पर्जी के ही शुल्क जबरन वसूूला जा रहा था. अधिक विरोध करने वालों से कुछ कम पैसे लेकर वाहन पार्किंग कराई गई थी.
हालांकि एनटीसी की टीम को देखकर पार्किंग ठेकेदार के कुछ कर्मचारी इधर-उधर हो गए, लेकिन एनटीसी की टीम ने मौके से बरामत सबूत एनटीसी प्रभारी के सामने रखे. हालांकि प्रभारी से कहा गया कि मुकदमा दर्ज कराकर ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
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जबकि मुकदमा दर्ज कराने के लिए निचले स्तर के अधिकारियों ने पत्र तैयार कर लिया था, लेकिन एनटीसी प्रभारी की अनुमति नहीं मिलने से मुकदमा दर्ज नहीं हो सका. हालांकि जब इस मामले से एनटीसी उपमहाप्रबंधक एसपी सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर विभाग में सबूत आ गए है तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी.