CM Yogi Program: इंसानियत हुई शर्मशार, सीएम योगी के कार्यक्रम में शव वाहन से मंगाए लंच पैकेट… जानें पूरी खबर
CM Yogi Program: उत्तर प्रदेश से इंसानियत को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। जहां पर मुख्यमंत्री की सभा में जाने वाले लाभार्थियों को शव वाहन से लंच पैकेट मंगवाकर बंटवा दिए गए। लेकिन जब इस बात की जानकारी हुई तो लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। सीएम योगी ने इस घटना के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार (CM Yogi Program) उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को साधारण कार्यक्रम से भी बदतर तवज्जो दी। लंच पैकेट शव वाहन से मंगाकर लाभार्थियों में बंटवा दिए गए। जब चर्चा हुई तो जिम्मेदार कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गए।सीएम योगी ने इस घटना के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जिम्मेदारों ने बताया कि शव वाहन पूरी तरह सैनिटाइज था
बतादें, सीएमओ कार्यालय में 27 वाहन अनुबंधित हैं। इसके अलावा 12 वाहन सरकारी हैं। बिना निरीक्षण के ही तेल का खेल चल रहा है। जब मुख्यमंत्री की सभा के लिए लंच पैकेट पहुंचाने की बारी आई, तो सीएमओ कार्यालय से शव वाहन की चाबी पकड़ा दी गई। मानवता को तार-तार करते हुए मुख्यमंत्री की सभा में जाने वाले लाभार्थियों को शव वाहन से ही लंच पैकेट बंटवा दिए गए। इस बात की जब विभाग में चर्चा फैली तो आनन-फानन में शव वाहन मंगाकर एल-2 अस्पताल में खड़ा करा लिया गया। इस संबंध में पूछे जाने पर कुछ जिम्मेदारों ने बताया कि शव वाहन पूरी तरह सैनिटाइज था। सीएमओ डॉ.अवनींद्र कुमार ने बताया कि शव वाहन से लंच पैकेट ले जाने के मामले में उन्होंने चीफ फार्मासिस्ट चक्र सिंह यादव को स्टोर से कायमगंज सीएचसी स्थानांतरित कर दिया गया है। एक अप्रैल से आदेश प्रभावी होगा।
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सेफ हाउस में दो घंटे देरी से पहुंची एंबुलेंस
इसके अलावा मुख्यमंत्री की सभा में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही दिखी। सभास्थल पर बनाए गए सेफहाउस में भी एंबुलेंस समय से नहीं पहुंच सकी। सीएमओ डॉ.अवनींद्र कुमार ने बताया कि सेफ हाउस में दो घंटे देरी से एंबुलेंस पहुंची। इस मामले में एंबुलेंस प्रभारी व नोडल अधिकारी के खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है। जबकि फार्मासिस्ट आशीष शुक्ला को सीएचसी राजेपुर स्थानांतरित कर दिया गया है। एक अप्रैल से आदेश प्रभावी होगा। सीएमओ ने बताया कि स्टेनो के साथ संबद्ध चल रहे सीएचसी राजेपुर के डाटा इंट्री ऑपरेटर नागेंद्र व डिस्पैच से संबद्ध मलेरिया विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दीपक को भी मूल तैनाती पर वापस भेजा जा रहा है। इसके अलावा अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।