नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की होती है पूजा, ऐसे करें मां को प्रसन्न।
नवरात्रि बहुत धूम-धाम से मनाया जा रही है। नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। नवरात्रि का उपवास लोग बड़ी श्रद्धा के साथ करते हैं। नवरात्रि के व्रत का लोग इंतजार करते हैं। नवरात्रि में मां मेहरबान होकर जाती हैं। नवरात्रि के व्रत से आपको मनचाहा फल मिलता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। मां ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा का दूसरा रूप हैं। ब्रह्म शब्द का अर्थ होता है तपस्या और ब्रह्मचारिणी शब्द का अर्थ तप का आचरण करने वाली मां। किसी भी क्षेत्र में सफलता चाहते हैं तो मां की विधि-विधान स पूजा करें।
मां का नाम कैसे पड़ा ब्रह्मचारिणी
कहते हैं मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के घर बेटी के रूप में जन्म लिया था। शिव को पति के रूप में पाने के लिए नारद जी कहने पर पार्वती मां ने निर्जला और निराहार रहकर कठोर तपस्या की। हजारों साल की तपस्या के बाद मां का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। मां के इसी तप की पूजा की जाती है।
कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन जिन देवी-देवताओं, गणों और योगिनियों को कलश में आमंत्रित किया है, उन्हें दूसरे दिन भी पंचामृत स्नान दूध, दही, घृत, मेवे और शहद से स्नान कराएं। इसके बाद फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि का भोग लगाएं । ऐसा करने के बाद पान, सुपारी और कुछ दक्षिणा रखें और पंडित को दान में दें।
मां को लाल रंग के फूल चढ़ाएं। मां को लाल रंग बहुत पसंद है। हो सके तो लाल कमल के फूल की माला पहनाएं। अगर कमल का फूल की माला नहीं हो तो कोई भी लाल फूल की माला पहनाएं।
मां को चीनी का भोग जरूर लगाएं। मान्यता है चीनी का भोग लगाने से मां जल्दी प्रसन्न होती हैं। बाद में शिव जी की पूजा करें और ब्रह्मा जी के नाम से जल-फूल, अक्षत हाथ में लेकर ‘ऊं ब्रह्मणे नम:’ कहते हुए इसे जमीन पर रख दें। उसके बाद मां की आरती करें। भोग लगाएं।