Bike Bot Scam: 4200 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश, ED दिल्ली से मेरठ तक करेगी जांच
Bike Bot Scam: देश में भ्रष्टाचार और घोटालों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। चाहें किसी भी पार्टी की सरकार बने और सख्त से सख्त कानून बनाए जाएं लेकिन घोटालेबाजों पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसी ही भ्रष्टाचार और घोटाले की एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यह खबर बाइक बोट घोटाले (Bike Bot Scam)की है। खबर के मुताबिक UP में गौतमबुद्ध नगर के चीती गांव के रहने वाले बसपा नेता संजय भाटी ने बाइक वोट कंपनी बनाकर देशभर से लोगों का पैसा इसमें निवेश कराया था। निवेशकों को भरोसा दिया गया था कि उनकी धनराशि से कंपनी मोटर साइकिल खरीदकर किराए पर चलाई जाएगी। उससे होने वाली आमदनी से लोगों का पैसा एक से डेढ़ वर्ष में दोगुना होने का भरोसा दिया था। लेकिन वादे के मुताबिक कुछ भी नहीं हुआ और घोटाले के जरिए सारा पैसा खुद हड़प लिया। अब ED इसका खुलासा कर रही है। ये घोटाला कोई छोटा मोटा नहीं बल्कि 4200 करोड़ का है। इसमें BSP नेता संजय भाटी के अलावा और भी राजनेताओं के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
क्या है पूरा मामला
खबर के मुताबिक देश में हो रहे घोटालों में एक बहुत हैरान कर देने वाला घोटाला (Bike Bot Scam)सामने आया है जिसमे BSP नेता संजय भाटी के के अलावा और भी राजनेताओं के शामिल होने की बात की गई है। इस बहुचर्चित 4200 करोड़ रुपये के बाइक वोट घोटाले की आंच मेरठ तक जा सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में मेरठ के भी कुछ नेताओं के नाम सामने आए हैं। बताया जा रहा है की घोटाले में शामिल एक महिला के मेरठ के नेता से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं।
जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ की जा रही है
घोटाले में कितने लोग शामिल हैं इसका पता लगाने के लिए ED सभी संबंधित नेताओं से पूछताछ कर रही है। मेरठ में तैनात रहे एक अधिकारी भी रडार पर आ गए हैं। मामले की जांच ED की दिल्ली हेड क्वार्टर की टीम कर रही हैं। बताया जा रहा है कि पिछले पंद्रह दिन में ईडी ने घोटाले की कई परत खोली है। जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों द्वारा पूर्व में की गई जांच रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है। जांच करने वाले अधिकारियों से भी संपर्क किया गया है। इसमें कई ऐसे चौकाने वाले तथ्य आए हैं, जिससे इस घोटाले में कई और की गर्दन फंस सकती है।
क्या है BSP नेता संजय भाटी का कनेक्शन? आइए जानते हैं…
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के चीती गांव के रहने वाले बसपा नेता संजय भाटी ने बाइक वोट कंपनी बनाकर देशभर से लोगों का पैसा इसमें निवेश कराया था। निवेशकों को भरोसा दिया गया था कि उनकी धनराशि से कंपनी मोटर साइकिल खरीदकर किराए पर चलाएगी। उससे होने वाली आमदनी से लोगों का पैसा एक से डेढ़ वर्ष में दोगुना होने का भरोसा दिया गया था। लेकिन उन्होंने घोटाला करके सारा पैसा हड़प लिया।
कम समय में रकम दोगुना का दिया झांसा
BSP नेता संजय भाटी के खाने पर निवेशकों ने कम समय में धन दोगुना करने के चक्कर में बड़ी धनराशि बाइक वोट कंपनी में लगा दी। पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की गई अब तक की जांच में करीब 4200 करोड़ रुपये के निवेश कराने की बात सामने आई है। पुराने निवेशकों का भरोसा जीतने और नए को फंसाने के लिए कुछ दिन तक कंपनी ने लोगों को प्रत्येक माह पैसा वापस लौटाया, लेकिन दिन बाद कंपनी के कर्ताधर्ता गायब हो गए।
ऐसे सामने आया बाइक वोट घोटाला
नवंबर 2019 में कंपनी के विरूद्ध पहला मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू हुई। पहले से ही यह आसंका जताई जा रही थी कि घोटाले में कुछ बड़े नेताओं का संरक्षण और मुख्य आरोपी संजय भाटी और उनकी सहयोगी दीप्ति बहल को प्राप्त था। इनमें बसपा समेत अधिकांश राजनीतिक दलों के नेता शामिल है। बसपा के और कई नेताओं के नाम सामने आए हैं।
घोटाले की आरोपी दीप्ति बहल पर पांच लाख का इनाम है
जानकारी के मुताबिक 2019 में संजय भाटी को मिला था लोकसभा का टिकट
संजय भाटी को 2019 में बसपा से लोकसभा का टिकट भी मिला था। दीप्ति बहल (Deepti Bahal) काफी दिनों मेरठ में रही थी। वह भी इस मामले में मुख्य आरोपी है। उस पर पांच लाख का ईनाम है। दीप्ति बहल के मेरठ में कुछ नेताओं से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। इसकी परत अब ईडी की जांच में खुलने लगी है। फिलहाल मेरठ के एक और नेता का नाम सामने आया है। उनसे ईडी पूछताछ कर सकती है।
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घोटाले की रकम से हिमाचल प्रदेश में खरीदी गई थी एक यूनिवर्सिटी
जांच में यह भी बात सामने आयी है कि संजय भाटी ने घोटाले की रकम से हिमाचल प्रदेश में एक यूनिवर्सिटी खरीदी थी। इसमें दीप्ति बहल को निदेशक बनाया गया था। यूनिवर्सिटी के प्रबंध में शामिल लोग भी ईडी के निशाने पर आए हैं। ED पूरे जोर शोर से ED इस घोटाले में फंसे प्रत्येक आरोपी की तलाश कर रही है। जल्द ही इस घोटालेबाजों का पता लग जायेगा। मेरठ के एक अधिकारी का नाम भी जांच में प्रमुखता से आ या है। यह अधिकारी पुलिस में बड़े पद पर तैनात रहा है। गौतमबुद्ध नगर के एक नेता की भी मुश्किल बढ़ सकती है। जल्द ही ईडी उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है।