पीरियड्स से यूं घबराएं नहीं… इन मिथ को कहिए गुड बाय।
Menstruation: आज भी महिलाएं पीरियड्स के बारे में खुलकर चर्चा करने से कतराती हैं. कुछ जगहों पर तो मासिक धर्म (menstruation) को अपवित्र माना जाता है. कम जानकारी के चलते पीरियड्स को लेकर लोगों के मन में कई धारणाएं बनी हुई हैं. लड़कियां वही मानती हैं जो उनकी दादी और मां ने उन्हें सिखाया है. अगर वह इस विषय पर जानकारी चाहती हैं तो उन्हें अक्सर सही माध्यम नहीं मिलता. इस बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्या की तरह लड़कियों को पीरियड्स के बारे में बोलने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि लोगों के बीच भ्रम ना फैले.
ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स का रक्त गंदा है, लेकिन इसे गंदा नहीं कहा जा सकता है. इसमें किसी भी तरह के टॉक्सिन्स (toxins) नहीं होते हैं. हालांकि, रक्त में गर्भाशय के टिशू, म्यूकस लाइनिंग और बैक्टीरिया (Uterine tissue, mucus lining, and bacteria) होते हैं. लेकिन ये रक्त को गंदा नहीं करते हैं. ये एक शारीरिक प्रक्रिया है, जिसके बारे में किसी को भी शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए.
हर महिला की पीरियड साइकिल (Period Cycle) अलग-अलग हो सकती है. यह लड़की या महिला की हेल्थ पर पूरी तरह निर्भर है. कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान खट्टी चीजों में परहेज करती है जबकि ऐसा किसी भी वैज्ञानिक शोध में नहीं मिलता है. हांलाकि, पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए हेल्दी और संतुलित डाइट (Healthy and Balanced Diet) लेना आवश्यक है.
पढ़ें: योगा करने से होते हैं कई फायदे, वजन कम करने में ऐसे हैं मददगार
नहाने, सिर धोने का मेंस्ट्रुएशन (Menstruation) से कोई नाता या संबंध नहीं है. अगर आप दिन में एक की बजाए दो बार नहाती हैं तो इससे आपको पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैंप्स (Cramps) में आराम मिलेगा और आपबेहतर महसूस करेंगी. एक सामान्य पीरियड 28 दिन से लेकर 35 दिन तक के बीच हो सकता है और ये बिलकुल सामान्य बात है.