सांस लेते हैं तो… सावधानी भी बरतिए। क्योंकि हवा जहरीली है!
कई सालों से लगातार शहरों में बढ़ते प्रदूषण का असर किसी से छिपा नहीं है। चाहे कूड़े कचड़े का ढ़ेर हो, या प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल होना। सभी से हमारी ज़िंदगी पर काफी असर पड़ा है और ऐसे में जब सांस लेना भी दुश्वार हो जाए तो क्या करें?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, 99 परसेंट लोग साफ़ हवा में सांस नहीं लेते। WHO का कहना है कि दुनिया भर में सबसे बड़ी प्रॉब्लम सूक्ष्म कण और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड है। इन दोनों की वजह से सांस से जुड़ी कई बीमारियां होती है जैसे कि अस्थमा।
रिपोर्ट की बात करें तो, दुनियाभर में 117 देशों के करीब 6 हजार से ज्यादा शहरों में एयर क्वॉलिटी का टेस्ट करने के बाद ये नतीजा आया है कि 99 परसेंट शहरों में सांस लेना खतरनाक है। ऐसे में सोचना जरूरी हो जाता है कि दिल्ली जैसे शहर में जहां एयर की क्वॉलिटी हमेशा के खराब रहती है। वहां के लोग सांस लेने की जगह जहर ले रहे है। बात दें, भारत में प्रदूषण का लेवल PM10 है। जोकी काफी ज्यादा है। वहीं चीन में PM2.5 स्तर खतरे के निशान को भी पार कर गया है।
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हवा में प्रदूषण की वजह
प्रदूषण की कई वजह है जैसे कि गाड़ियों, इंडस्ट्री और पॉवर प्लांट से निकलने वाला धुआं। इन सभी से नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड निकलता है। जिससे सांस की बीमारी होती है।
साफ सांस कैसे ले
साफ सांस लेने के लिए एयर पॉल्युशन को कम करना होगा। अगर ट्रांसपोर्टेशन को सही तरीके से इस्तेमाल करें और पैदल चले, साइकिल का इस्तेमाल बढ़ाए तो हवा को साफ किया जा सकता है।
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