Flats Buyers Issues: महागुन समेत 2 बिल्डरों के प्रोजेक्ट साइट हुए सीज, ये है वजह
Flats Buyers Issues: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फ्लैट बायर्स के मुद्दों को लेकर हुई मीटिंग में कुछ बिल्डरों की अनुपस्थित रहना भारी पड़ गया। मीटिंग में न पहुंचने की वजह से महागुन समेत दो अन्य बिल्डरों के प्रोजेक्ट साइट को डीएम ने सीज करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा यह भी निर्देश दिए गए हैं की आगे की बैठकों में अगर कोई भी बिल्डर अनुपस्थित पाए जाते हैं, तो उनकी साइट भी सीज करदी जाएंगी।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार (Flats Buyers Issues) गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने मंगलवार को फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) और बिल्डर्स के साथ बैठक की। इस बैठक में रजिस्ट्री के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसको लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई लोग रोज हड़ताल में बैठे रहते हैं। डीएम मनीष कुमार वर्मा (DM Manish Kumar Verma) की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक संपन्न हुई, लेकिन इस बैठक में दो बिल्डर्स मौजूद नहीं थे। इस पर डीएम मनीष वर्मा ने एक्शन लेते हुए दोनों की साइटों को सीज करने के आदेश दिए है।
गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने मंगलवार को फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) और बिल्डर्स के साथ बैठक की। इस बैठक में रजिस्ट्री के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसको लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई लोग रोज हड़ताल में बैठे रहते हैं। डीएम मनीष कुमार वर्मा (DM Manish Kumar Verma) की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक संपन्न हुई, लेकिन इस बैठक में दो बिल्डर्स मौजूद नहीं थे। इस पर डीएम मनीष वर्मा ने एक्शन लेते हुए दोनों की साइटों को सीज करने के आदेश दिए है।
इन दोनों बिल्डर की साइट सीज होगी
मंगलवार को हुई बैठक में डीएम मनीष कुमार ने सभी बिल्डर और बायर्स को बुलाया था। इस बैठक में बिल्डर और बायर्स की सभी समस्याएं सुनी गई और इस मामले में बिल्डर से जवाब मांगा गया, लेकिन इस बैठक में महागुन समेत दो बिल्डर उपस्थित नहीं थे। इसी पर जिलाधिकारी ने वित्त और राजस्व सचिन कुमार को इनकी साइट को सील करने के निर्देश दिए हैं।
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प्राधिकरण में हर महीने होगी बिल्डर्स और बायर्स की बैठक
बैठक में डीएम ने कहा कि बहुत से बिल्डर्स के द्वारा बिना रजिस्ट्री कराए ही फ्लैट बायर्स को कब्जा दे दिया गया है, जिससे काफी स्टांप राजस्व की हानि हो रही है। स्टांप विभाग के अधिकारी अभियान चलाकर ऐसे बिल्डर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं, जिससे ऐसे सभी बायर्स के फ्लेटों की रजिस्ट्री कराते हुए स्टांप राजस्व में वृद्धि की जा सके। साथ ही निर्देश दिए कि बिल्डर्स और फ्लैट बायर्स की समस्याओं को लेकर हर महीने बैठक प्राधिकरण पर कराई जाए और उस बैठक में सभी संबंधित बिल्डर्स को आना जरूरी हो।