May 21, 2024, 6:48 am

Land Scam News: ग्रेटर नोएडा का सबसे बड़ा भूमि घोटाला, अथॉरिटी के अधिकारियों ने ही करवाया कब्जा…बनवाए अवैध विला

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday February 28, 2024

Land Scam News: ग्रेटर नोएडा का सबसे बड़ा भूमि घोटाला, अथॉरिटी के अधिकारियों ने ही करवाया कब्जा…बनवाए अवैध विला

Land Scam News: ग्रेटर नोएडा के अबतक के सबसे बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरणों को भ्रष्टाचार का अड्डा ऐसे ही नहीं कहा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों में कई घोटाले सामने आ चुके हैं। तत्कालीन अधिकारियों ने 2016 से 2023 के मध्य तक कालोनाइजरों के साथ मिलकर बिसरख जलपुरा व हैबतपुर गांव में प्राधिकरण की तीन लाख वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कॉलोनी और विला बनवाए हैं।

क्या है पूरा मामला

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरणों (Land Scam News)  को भ्रष्टाचार का अड्डा ऐसे ही नहीं कहा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों में कई घोटाले सामने आ चुके हैं। अब ग्रेटर नोएडा में प्रदेश के सबसे बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। तत्कालीन अधिकारियों ने 2016 से 2023 के मध्य तक कालोनाइजरों के साथ मिलकर बिसरख, जलपुरा व हैबतपुर गांव में प्राधिकरण की तीन लाख वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कॉलोनी और विला बनवा दिए। सूत्रों का कहना है कि कालोनाइजरों के साथ सांठगांठ होने की वजह से ही जमीन का आवंटन नहीं किया गया।

बाजार में जमीन की कीमत 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक

बाजार में जमीन की कीमत दो हजार करोड़ रुपये से अधिक है। सूत्रों के मुताबिक बदले में प्राधिकरण अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये से अधिक मिलें। इसकी बंदरबांट निचले स्तर से लेकर ऊपर तक हुई। बिसरख गांव के खसरा नंबर 773 का अधिग्रहण 2010 में हुआ। पॉश जगह पर होने के कारण इसकी 51 हजार वर्ग मीटर जमीन को लेने के लिए 15 बिल्डर, तीन अस्पताल संचालक व पांच अन्य संस्थाओं ने कई बार प्राधिकरण में आवेदन किया, लेकिन प्राधिकरण अधिकारियों ने उन्हें जमीन का आवंटन नहीं किया।

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2010 से 2023 तक छोड़ी रखी खाली जमीन

2010 से 2023 के मध्य तक करीब 13 वर्ष के लंब समय में किसी भी संस्था को जमीन का आवंटन न कर, उसे ऐसे ही छोड़े रखना प्राधिकरण अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है। सूत्रों का कहना है कि कालोनाइजरों के साथ सांठगांठ होने की वजह से ही जमीन का आवंटन नहीं किया गया। प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों ने कालोनाइजरों को उक्त जमीन पर विला और कालोनी बसाने के लिए भरपूर समय दिया। 2016 से 2023 के मध्य तक वह विला बनाते रहें, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।

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