November 21, 2024, 10:41 pm

Supertech Upcountry Greater Noida: इस सोसाइटी में रेजिडेंट्स का जीना दुश्वार, मोटी कमीशन के चक्कर में चल रहा है अवैध पीजी

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday December 18, 2022

Supertech Upcountry Greater Noida: इस सोसाइटी में रेजिडेंट्स का जीना दुश्वार, मोटी कमीशन के चक्कर में चल रहा है अवैध पीजी

Greater Noida News: कोई भी शख्स घर इसलिए खरीदता है कि वो सुकून के साथ जिंदगी गुजार सके। लेकिन कई हाईराइज अपार्टमेंट में बिल्डर और मेंटेनेंस टीम की मनमानी के कारण लोग परेशान हो उठते हैं। एक तरफ उनका सुकून छीन जाता है दूसरी ओर परेशानियों और टेंशन के बीच जिंदगी जीने को वो मजबूर रहते हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ऐसी कई सोसाइटिज है जो इन दिनों पीजी का शक्ल ले चुकी है। एक-एक फ्लैट में 7-10 लोग रहते हैं और फिर मनमानी कर पड़ोसिया को जीना दुश्वार कर देते हैं। 

क्या है मामला ? 

ताजा मामला सुपरटेक अपकंट्री सोसाइटी (Supertech Upcountry Greater Noida) की है जहां एक ओर सुविधा नहीं मिलने से रेजिडेंट्स परेशान हैं वहीं दूसरी ओर बिल्डर और उसकी मेंटेनेंस टीम मनमानी करने पर उतारू है। लोकल डीलर से सेटिंग कर बिल्डर और मेंटेनेंस टीम ने सोसाइटी को पीजी बना दिया है। जहां बड़ी संख्या में बैचलर्स ने डेरा जमा लिया है। https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक सुपरटेक अपकंट्री सोसाइटी के कई फ्लैटों में पीजी का काम धड़ल्ले से चलाया जा रहा है। प्रॉपर्टी डीलर मकान मालिक को महंगा किराया और मेंटेनेंस टीम को मोटी कमीशन देने के नाम पर यह काम करते दिख रहे हैं। 

पीजी ने बढ़ाई परेशानी

ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक अपकंट्री सोसाइटी में रहने वाले रेजिडेंट्स का कहना है कि पीजी के कारण सोसाइटी में बड़ी संख्या में बैचलर लड़के-लड़किया रहती हैं। ये लोग देर रात तक शोर करते हैं, कई बार तेज आवाज में पार्टी करते हैं जिससे सोसाइटी में रहने वाले लोग परेशान हैं। बकायदा अलग-अलग प्रॉपर्टी डीलर इस तरह के रैकेट का हिस्सा हैं। खास बात यह है कि एक निजी यूनिवर्सिटी के नजदीक होने के कारण बड़ी संख्या में बैचलर्स यहां रहते हैं । इन बैचलर्स लड़के-लड़कियों पर सोसाइटी का माहौल खराब करने के आरोप हैं।

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नाम न छापने के शर्त पर सोसाइटी में रहने वाले रेजिडेंट का कहना है कि इस तरह के पीजी के कारण सोसाइटी

  • इलीगल पीजी का अड्डा बन गया है 
  • आरोप है कि आस-पास के दुकानों में चोरी चुपके शराब तक बेची जाती है 
  • सोसाइटी के अंदर कई बार तेज आवाज में म्यूजिक बजाकर पार्टी की जाती है
  • बड़ी संख्या में पीजी ने सोसाइटी के माहौल को खराब कर दिया है, सोसाइटी में हर तरफ सिगरेट की महक आती है 
  • लोगों का कहना है कि पार्टी के कारण कई बार बाहर से भी लड़के-लड़कियां आती हैं ऐसे में रेजिडेंट्स की सिक्योरिटी के लिए यह बड़ा खतरा है और कभी भी बड़ी घटना घट सकती है 
  • कई बार लोग शराब पीकर बेहद तेज गति से लोग गाड़ी चलाते हैं जो रेजिडेंट्स के लिए बड़ी दिक्कत साबित हो सकती है

प्रॉप्रटी डीलर ने जो बिजनेस कार्ड बनाया है उसमें भी सीधे-सीधे ब्वॉयज और गर्ल्स पीजी का जिक्र किया गया है। एक ऐसा ही बिजनेस कार्ड https://gulynews.com को मिला है। यह कार्ड यूनिटी होम्ज के नाम से है। इस बिजनेस कार्ड पर मोबाइल नंबर भी लिखा है। https://gulynews.com के अंडर कवर रिपोर्टर ने जब इस मोबाइल नंबर पर फोन मिलाया तो दीपक नाम के शख्स ने फोन पिक किया। दीपक ने जो जानकारी दी वो बेहद चौंकाने वाली थी।

PG Business card
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क्या है पीजी का चार्ज और क्या मिलती है सुविधाएं 

फोन पर बात करने पर पता चला कि सोसाइटी में करीब 1 हजार बच्चे रहते हैं। इन बच्चों से एक बेड का 9 हजार रुपया तक वसूला जाता है। इसमें इनके रहने, खाने, वाय-फाय के खर्चे समेत कपड़े धोने का खर्च शामिल है। जब अंडर कवर रिपोर्टर ने दीपक से मेंटेनेंस एजेंसी के रुख के बारे में पूछा तो पता चला कि इसके लिए मेंटेनेंस एजेंसी कमीशन लेकर डील करती है।  दीपक ने जानकारी दी कि उसने अभी नया काम शुरु किया है। यहां लंबे समय से इस तरह की पीजी चलाई जा रही है। अगर एक हजार बच्चों के हिसाब से देखें तो करीब 90 लाख रुपये के बिजनेस हर महीने केवल पीजी से सोसाइटी के अंदर हो रहा है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे कितनी मोटी कमाई मेंटेनेंस टीम करती होगी। इस बिजनेस पूरी तरह से अवैध है क्योंकि ना पुलिस को इसकी जानकारी है ना स्थानीय प्रशासन को। रेजिडेंट्स का आरोप है कि मेंटेनेंस एजेंसी (YG ESTATE) के इशारे पर इस अवैध काम को सोसाइटी के अंदर में किया जा रहा है।

बता दें कि बिल्डर की बदमाशियों और अच्छी व्यवस्था नहीं देने से सोसाइटी के रेजिडेंट्स पहले ही परेशान हैं उस पर से ऐसी अवैध पीजी उनके गले की फांस बन गया है। इस बारे में सोसाइटी के मेंटेनेंस टीम के हेड अनिल सिंह से जब हमने बात की उन्होंने व्यस्त होने की जानकारी देकर किसी भी तरह के कमेंट से इनकार कर दिया। सवाल है कि जब लाखों रुपये देकर लोग घर खरीदते हैं तो उसे बिजनेस का अड्डा बिल्डर और मेंटेनेंस टीम क्यों बना देती है?

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