May 3, 2024, 2:01 pm

अब निर्माण कार्यों के लिए इतना सस्ता मिलेगा पानी, CEO ने शुरू किया नया नियम

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday July 2, 2022

अब निर्माण कार्यों के लिए इतना सस्ता मिलेगा पानी,  CEO ने शुरू किया नया नियम

water available for construction works: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए सिर्फ एसटीपी से शोधित पानी का ही इस्तेमाल कर सकेंगे. प्राधिकरण बहुत जल्द इस प्रावधान को अनिवार्य रूप से लागू करने जा रहा है. इसके बाद अगर कोई व्यक्ति निर्माण कार्यों के लिए भूजल का इस्तेमाल करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने चार एसटीपी बनाए हैं. इनकी कुल क्षमता 174 एमएलडी है. वर्तमान समय में इन चारों एसटीपी से करीब 109 एमएलडी सीवरेज का शोधन हो रहा है. इनमें से सबसे बड़ा एसटीपी कासना में है. इसकी क्षमता 137 एमएलडी है. मौजूदा समय में इस एसटीपी से रोजाना करीब 90 एमएलडी सीवर शोधित हो रहा है. इकोटेक दो स्थित एसटीपी से करीब 5 एमएलडी सीवर रोजाना शोधित हो रहा है. इसकी क्षमता 15 एमएलडी रोजाना शोधित करने की है. ईकोटेक तीन स्थित एसटीपी की क्षमता 20  एमएलडी की है. इस एसटीपी से मौजूदा समय में रोजाना करीब 12 एमएलडी शोधित हो रहा है. बादलपुर स्थित एसटीपी से 2 एमएलडी सीवर शोधित हो रहा है. इसकी क्षमता भी दो एमएलडी ही है.

इन एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई व निर्माण आदि कार्यों के लिए किया जा रहा है. कई लोग मौजूदा समय में भूजल से ही निर्माण कार्य करा रहे हैं. ग्रेटर नोएडा में भूजल (ground water) स्तर लगातार नीचे जा रहा है. भूजल के लिहाज से ग्रेटर नोएडा का अधिकांश एरिया क्रिटिकल जोन में हैं. इसे देखते हुए प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने सीवर विभाग को निर्माण कार्यों में अनिवार्य रूप से सिर्फ एसटीपी के पानी का ही इस्तेमाल करने की व्यवस्था शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए हैं. अब प्राधिकरण का सीवर विभाग जल्द ही यह प्रावधान बनाने जा रहा है. इसके बाद निर्माण कार्यों के लिए सिर्फ एसटीपी के पानी का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा. अगर कोई व्यक्ति भूजल का दोहन करता पाया गया तो जिला प्रशासन से भारी पेनल्टी लगावाई जाएगी. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

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निर्माण कार्यों के लिए एसटीपी से शोधित पानी खरीदना महंगा भी नहीं है. लोग इस पानी का खूब इस्तेमाल कर  सकें, इसके लिए प्राधिकरण सिर्फ 7  रुपये में 1000 लीटर पानी उपलब्ध करा रहा है. सीवर विभाग के प्रभारी कपिल सिंह ने बताया कि जिस किसी को एसटीपी से शोधित पानी चाहिए, वह प्राधिकरण के जल विभाग या रिसेप्शन काउंटर पर आवेदन पत्र जमा कर दे.  7 रुपये प्रति 1 केएलडी की दर से पैसे का भुगतान कर दें. उसे अनुमति मिल जाएगी. वह टैंकर ले जाकर एसटीपी से पानी ले सकता है. सीईओ ने एसटीपी से शोधित पानी खरीदने के लिए आवेदन पत्र और शुल्क जमा करने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोग आसानी से इसे खरीद सकें. उनका आने-जाने में समय खराब न हो.

ग्रेटर नोएडा के कई उद्योग औद्योगिक कार्यों के लिए पहले से ही एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं. एनटीपीसी रिसर्च इंस्टीट्यूट, हॉलीटेक कंपनी आदि इनमें शामिल हैं. सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने एसटीपी के आसपास की कंपनियों को उत्पादन कार्यों के लिए एसटीपी का पानी ही इस्तेमाल करने की अपील की है.

सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व कमिश्नर मेरठ मंडल सुरेन्द्र सिंह ने कहा, “पानी बहुत अनमोल है. इसे बहुत संभाल कर खर्च करें. भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. भूजल का इस्तेमाल करने से बचें. घरों में आरओ से निकलने वाले वेस्ट वाटर का इस्तेमाल पौधों की सिंचाई, कपड़े धुलने व अन्य कार्यों के लिए करें. उसे फेंकें नहीं” .

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