Yamuna Authority Report: यमुना प्राधिकरण की रिपोर्ट, 17 हजार से अधिक प्लॉट मालिकों को नही मिला मालिकाना हक…
Yamuna Authority Report: यमुना प्राधिकरण से प्लॉट के आवंटन को लेकर बड़ी अपडेट है। दरअसल, यमुना प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कुल 34,000 प्लॉट आवंटियों में से कम से कम 17,000 प्लॉट मालिकों को अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है। इसकी वजह इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित जमीन विवाद है।
क्या है पूरा मामला
बतादें, यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority Report) द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कुल 34,000 प्लॉट आवंटियों में से कम से कम 17,000 प्लॉट मालिकों को अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है। इसकी वजह इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित जमीन विवाद है। यमुना प्राधिकरण ने प्लॉटों से जुड़ी समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने के लिए यह डाटाबेस तैयार की है।
प्लॉट आवंटियों का डाटाबेस तैयार
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में विकसित किए जा रहे 13 मौजूदा सेक्टरों के औद्योगिक, संस्थागत, आवासीय और मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्रों में अपने 34,000 से अधिक प्लॉट आवंटियों का डाटाबेस एक सर्वेक्षण के बाद तैयार किया है। यह डाटाबेस सुनिश्चित करता है कि प्राधिकरण के पास हर प्लॉट की नवीनतम और सटीक जानकारी है, जिसमें आवंटन और आवंटियों के विवरण शामिल हैं। यदि किसी प्लॉट पर आवंटन के बाद कोई अड़चन आई, तो प्राधिकरण के पास इन मुद्दों की सटीक जानकारी होगी।
प्लॉटों के अलॉटमेंट लेटर जारी
यमुना प्राधिकरण के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “हमने अधिकारियों को आवधिक समीक्षा करने और डाटाबेस को लगातार अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। यमुना की इन 13 सेक्टरों में कुल 34 हजार प्लॉटों में से 30,358 प्लॉटों का आवंटन हो चुका है। विधिक मुद्दों की वजह से 1,181 प्लॉटों के आवंटन पत्र जारी नहीं किए जा सके हैं।” अधिकारी ने आगे बताया, “15,368 प्लॉटों का रजिस्ट्री खरीदारों के नाम पर हो चुका है और प्राधिकरण को लगभग 17,000 प्लॉटों का लीज प्लान किसानों के साथ विवाद के कारण अभी तैयार करना बाकी है। विभिन्न कारणों से जैसे किसान आंदोलन की वजह से 359 प्लॉटों पर अदालत से रोक लगी हुई है।”
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प्लॉट मालिकों को नही मिलीं बुनियादी सुविधाएं
यमुना प्राधिकरण ने 2008 से आवासीय सेक्टर 16, 17, 18, 20 और 22डी में लगभग 30,034 प्लॉटों का विकास शुरू किया था। हालांकि, अभी भी इन क्षेत्रों के अधिकांश प्लॉट मालिकों ने अपना घर नहीं बनाया है क्योंकि उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। सेक्टर-17ए और 22ई को संस्थागत विकास के लिए निर्धारित किया गया है, जहां 170 प्लॉट हैं, जिनमें से 130 का आवंटन हो चुका है और 85 का पंजीकरण हो गया है। चार औद्योगिक सेक्टर 28, 29, 32 और 33 में 3,341 प्लॉट हैं। प्राधिकरण ने 3,341 में से 2,994 प्लॉटों का आवंटन कर दिया है और 2,994 में से 1,995 प्लॉटों का पंजीकरण आवंटियों के नाम पर हो चुका है। सेक्टर 24 और 24ए मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्र हैं, जहां कुल 41 प्लॉट हैं, जिनमें से 8 का आवंटन और पंजीकरण किया जा चुका है।
आवंटियों की समस्याओं होगी दूर
यमुना प्राधिकरण सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा “हम प्लॉट आवंटियों की समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए हमें हर प्लॉट की जानकारी चाहिए, चाहे वह आवासीय हो, औद्योगिक या आवासन। यह डाटाबेस हमें समस्याओं को समझने में मदद कर रहा है और जल्द ही प्राधिकरण सभी आवंटियों की समस्याओं को दूर करेगा।” सीईओ ने कहा कि 15,541 प्लॉटों पर बुनियादी नागरिक सुविधाएं जैसे सड़कें, पानी, बिजली, नालियां और पार्क पूरी हो चुकी हैं।