Lifestyle, Vitamin D Benefits: बच्चों में स्ट्रेंथ और इम्युनिटी बढ़ाने में विटामिन डी बेहद कारगर… आइए जानें फायदे….
Vitamin D Benefits: सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है, अब विशेष तौर पर बच्चों की सेहत को लेकर हर कोई फिक्रमंद रहता है। क्योंकि अगर तनिक भी खानपान, रुटीन में परिवर्तन होता है तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों की सेहत पर पड़ता है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं विटामिन डी के फायदों (Vitamin D Benefits)के बारे में जो की बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद और जरूरी माना गया है। बच्चों के विकास में विटामिन डी की भूमिका महत्वपूर्ण है जो हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इम्युनिटी फंक्शन और विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के साथ-साथ पूरे शरीर के स्वास्थ्य में यह आवश्यक भूमिका निभाता है।
विटामिन डी के फायदों के बारे में…आइए जानें..
आपको बता दें की विटामिन डी के फायदे (Vitamin D Benefits)अनेक हैं। स्वस्थ बच्चों के पालन-पोषण की अपनी यात्रा में आप भी न्यूट्रीचेक पर आसानी से अपने बच्चे के विटामिन डी लेवल की जांच कर सकते हैं।
बच्चों के स्वास्थ्य के सम्पूर्ण विकास के लिए एक बैलेंस डाइट उनकी मूलभूत आवश्यकता है। बैलेंस डाइट बच्चों के शारीरिक विकास, मानसिक विकास और इम्युनिटी को सुनिश्चित करता है। इसके बावजूद भी बैलेंस डाइट कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व विटामिन डी की पूर्ति करने में पूरी तरह से सफल नहीं है। अन्य विटामिन की तरह विटामिन डी सामान्यतः हमारे खानों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध नहीं रहता। ऐसे में इसकी पूर्ति के लिए अभिभावकों को अपने बच्चों का विशिष्ट ध्यान रखना होता है।
बच्चों के विकास व अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी का महत्व
विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। यह बच्चों में स्ट्रेन्थ और उनके विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। फैट में घुलने वाला यह विटामिन हड्डियों की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण तो है ही, साथ ही यह एक हॉर्मोन के रूप में भी विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को प्रभावित करता है।
हड्डियों व मांसपेशियों की मजबूती में सहायक
विटामिन डी हड्डियों व मांसपेशियों की मजबूती के लिए आवश्यक मिनरल्स जैसे कैल्सियम और फॉस्फेट को शरीर में बढ़ाता है। इससे हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत और स्वस्थ तो होती ही हैं, साथ ही यह इम्युनिटी बढ़ाने में भी बेहद अहम भूमिका निभाता है। हालांकि हमारे शरीर के लिए कितना विटामिन डी आवश्यक है यह जानना बेहद आवश्यक है।
विटामिन और मेडिसिन के माप की यूनिट IU (International Units) है। आसान भाषा में जिस तरह हम चीनी को किलोग्राम और दूध को लीटर में नापते हैं, उसी तरह विटामिन को IU में नापा जाता है।
द अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) के अनुसार रोजाना नवजात बच्चों के लिए विटामिन डी के 400 IU और बच्चों व वयस्कों के लिए विटामिन डी के 600 IU की जरूरत होती है। रोज विटामिन डी की सही मात्रा का सेवन उनके स्केलेटल स्ट्रक्चर के सुचारू विकास को सुनिश्चित करता है, साथ ही मांसपेशियों को मजबूत करता है व इम्युनिटी को भी बढ़ाता है। जिससे बच्चों के बीमार होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
विटामिन डी की कमी के कई सामान्य लक्षण हैं जिसके द्वारा आप इसे पहचान सकते हैं। अगर आपके बच्चे में जोडों के दर्द, लगातार थकान, बालों का पतला होना, या घाव का धीमी गति से ठीक होना आदि लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो यह लक्षण विटामिन डी के कम होने का संकेत हैं। ये लक्षण बच्चों के विकास को बुरे तरीके से प्रभावित करते हैं। ऐसे में विटामिन डी का सेवन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
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विटामिन डी के स्रोत क्या हैं
विटामिन डी के प्रमुख स्रोत इस प्रकार हैं …
सूर्य की रोशनी
सूर्य की रोशनी में हमारी त्वचा विटामिन डी का उत्पादन करती है। रोजाना मात्र 15-20 मिनट धूप लेना भी आपके शरीर में प्रचुर मात्रा में विटामिन डी का उत्पादन करता है।
सही खान-पान
विटामिन डी कुछ फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों और विशेष प्रकार की मछलियों को अपने खान-पान में शामिल कर भी प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त 250ml फोर्टिफाइड दूध में भी लगभग 100 IU विटामिन डी मिलता है, जो कि हड्डियों व इम्युनिटी दोनों के लिए लाभदायक है।
सप्लीमेंट…
सप्लीमेंट उन लोगों के लिए है जिनका सन एक्सपोजर सीमित है या जो सही से डाइट नहीं ले पा रहे हैं, उनके लिए विटामिन डी सप्लीमेंट एक अच्छा स्रोत है। यह बच्चों के लिए भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। उन लोगों के लिए जो धूप में सीमित हैं या आहार संबंधी प्रतिबंध हैं, विटामिन डी की खुराक यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवहार्य विकल्प हो सकती है कि बच्चों को इस आवश्यक विटामिन की पर्याप्त मात्रा मिले।