Protest in Noida: नोएडा में इस सोसाइटी के लोगों ने AOA के खिलाफ किया प्रदर्शन, चुनाव की मांग
Protest in Noida : कहते हैं जब कान सुनना बंद कर दे.. और आंखों को दिखाई ना दे तो नींद से जगाने और हक की आवाज बुलंद करने के लिए प्रदर्शन करना पड़ता है। कुछ ऐसा ही किया गया नोएडा के सेक्टर 78 (Sector 78 Noida) स्थित आदित्य अर्बन कासा (Aditya Urban Casa) सोसाइटी में. यहां लोगों ने मिलकर एक स्वर में आवाज बुलंद की और जल्द से जल्द एओए चुनाव कराने की मांग की।
क्या है मामला ?
मंगलवार को जब ज्यादा से ज्यादा लोग ऑफिस और बाकी कामाकाज में व्यस्त थे तब आदित्य अर्बन कासा सासोइटी के कुछ रेजिडेंट्स विरोध प्रदर्शन (Protest in Noida) में जुटे थे। खास बात यह थी कि इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में सोसाइटी की महिलाएं और सीनियर सिटीजन के साथ युवा भी शामिल थे। इन लोगों ने सोसाइटी के अंदर मौजूदा एओए के खिलाफ नारेबाजी की और 13 नवंबर को चुनाव कराने की मांग की। https://gulynews.com से बात करते हुए सोसाइटी के रेजिडेंट्स ने बताया कि मौजूदा एओए बोर्ड ना तो इस्तीफा दे रहा है और ना ही चुनाव कराने में दिलचस्पी दिखा रहा है।
क्या पता चला है ?
https://gulynews.com को जानकारी मिली है कि यहां मौजूद एओए का कार्यकाल 12 सितंबर को ही पूरा हो गया था. लेकिन 2 महीने के करीब गुजरने के बाद भी सोसाइटी में चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं.कुछ रेजिडेंट्स ने कहा है कि एक तो चुनाव में देरी की जा रही है उस पर से चुनाव नहीं करवाने की मंशा भी साफ झलक रही है. रेजिडेंट्स का आरोप है कि मौजूदा AOA सदस्य जानबूझकर चुनाव नहीं करवाने के पक्ष में हैं.
कहां से शुरु हुआ गतिरोध ?
कमेटी के गठन के बाद प्रोक्सी वोटिंग को लेकर के चुनाव कमेटी के सदस्यों में सहमति नहीं बन सकी. एक पक्ष पुरानी और अपारदर्शी तरीकों को लागू करने के पक्ष में था जबकि ज्यादातर लोग इस बात पर सहमत थे कि प्रोक्सी वोटिंग को लेकर के नए नियम बनाए जाएं जो यूपी अपार्टमेंट एक्ट से मिले और हर प्रॉक्सी वोटर्स का वेरिफिकेशन किया जाए ताकि पता चले कि ऑनर की सहमति कहीं फेक तो नहीं है. दावा किया जा रहा है कि यही वेरिफिकेशन की बात मौजूदा एओए पसंद नहीं आई और उसने चुनाव कमेटी को ही भंग कर दिया.
अब मौजूदा AOA डिप्टी रजिस्ट्रार तक जाने की बात कह रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यकाल पूरा होने के 2 महीना बाद भी चुनाव क्यों नहीं कराए गए.
यह भी पढ़ें:-
चुनाव के पीछे मोटी रकम!
https://gulynews.com से बात करते हुए कुछ रेजिडेंट्स ने आरोप लगाया है कि जब सितंबर में मौजूद एओए का कार्यकाल पूरा हो रहा था तब अगस्त के महीने में 1 करोड़ 30 लाख के टेंडर क्यों जारी किए गए? इतना ही नहीं इस ठेके में से कुछ पैसा भी कॉन्ट्रेक्टर को देने की बात सामने आई है. रेजिडेंट्स का आरोप है कि जब लोगों ने इसका विरोध किया तो मौजूदा एओए ने काम रुकवा दिए. लोगों का सवाल है कि जब AOA का टेन्योर पूरा हो रहा है तो इतने बड़े कॉन्ट्रैक्ट को देने का पीछे की मंशा क्या है ?
गौतम बुद्ध नगर की हाई राइस सोसायटियों को Dy. Registrar, नोएडा प्राधिकरण एवं प्रशासन ने धन लुटने की मशीन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं,
धन के जोर पर Dy. Registrar अपना आदेश खुद बदल देते हैं, प्राधिकरण एवं प्रशासन भी गांधी की खुशबू का भरपुर आनंद उठा रहें हैं