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कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा के इस बिल्डर पर दर्ज होगा मुकदमा, जानें क्‍या है मामला?

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday April 20, 2023

कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा के इस बिल्डर पर दर्ज होगा मुकदमा, जानें क्‍या है मामला?

एक अदद घर का सपना हर किसी को है लेकिन कई बार इस घर के लिए आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। उसके बाद भी आपको अपना घर मिल जाए ये आसान नहीं क्योंकि बदमाश बिल्डर तमाम वादों के बाद भी आपको घर दे पाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ऐसे कई बिल्डर हैं जो अबतक ङर खरीददारों के साथ ज्यादती करते आए हैं और उन्हें धोखे में रख अबतक फ्लैट हैंडओवर नहीं किया है।

क्या है मामला ?

उत्तर प्रदेश का शो विंडो नोएडा को कहा जाता है. अगर आपने यहां घर खरीदने का सपना देखा है, तो हो सकता है लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़े. ऐसा ही हुआ है पंकज ठक्कर के साथ. दिल्ली के रहने वाले पंकज ने साल 2010 में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसाइटी में घर बुक किया था, लेकिन पैसे देने के बाद भी उनको घर नहीं मिला. अब वो बिल्डर के खिलाफ कोर्ट चले गए हैं. कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली के आंनद विहार थाने को बिल्डर के खिलाफ मुकदमा लिखने का आदेश दिया है.

किस बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज

पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर पंकज बताते हैं कि मार्च 2023 में कोर्ट में हमने शिकायत दी थी. साथ ही बताया कि मैंने साल 2010 में 3 जनवरी को अजनारा होम्स (Ajnara Homes) के टावर डी में फ्लैट 802 बुक किया था. जुलाई 2010 में ही घर की कुल कीमत का 10 प्रतिशत देना पड़ा था. 2011 जनवरी में 80 प्रतिशत यानी कुल 15 लाख के आसपास मैंने पैसा होम लोन लेकर दे दिया. साल 2015 में पहले पजेशन देने की बात कही गई थी, लेकिन उस वक्त घर नहीं मिला.

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पंकज के मुताबिक, साल 2018 में हम पर दबाव बनाया जाने लगा कि बचा हुआ 15 प्रतिशत पैसा दें, नहीं तो पेनाल्टी लगाई जाएगी. मार्च 2018 तक मैंने सारा पैसा लगभग 26 लाख रुपये दे दिया, लेकिन तब तक घर के हालात ऐसे नहीं थे कि वो हैंडओवर हो सकें. बिल्डर ने दो सप्ताह में ठीक करने की बात कही थी, लेकिन कुछ भी ठीक नहीं हुआ. उसके बाद भी वो हमसे पेनाल्टी मांगता रहा या घर को कैंसिल करने को कहता रहा, ताकि वो कहीं और बेच सकें.

तीन दिन की पुलिस को मोहलत

पंकज के वकील वीके पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने 18 अप्रैल को आर्डर दिया है. मुकदमा दर्ज करने के लिए तीन दिन का समय दिया है. कोर्ट ने पूरे मामले को ठगी का मामला माना है. पांडेय ने बताया कि 21 अप्रैल को कोर्ट ने दुबारा बुलाया है. साथ ही बताया कि उस घर में कोई नहीं रह रहा था, इसके बावजूद बिल्डर बिजली बिल,मेंटेनेंस चार्ज मांग रहा था.

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