इस सोसाइटी के AOA पर लगे धांधली के आरोप, मेंबरशिप फीस लिया तो फिर क्यों नहीं मेंबरशिप दिया ? क्या अवैध कार्यों में है लिप्त लोगों ने पूछे सवाल
नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाज़ियाबाद जैसी जगहों पर हाईराइज सोसाइटी की भरमार है। इन सोसाइटिज को चलाने के लिए अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन का चुनाव करवाया जाता है ताकि सोसाइटी की विधि व्यवस्था और मेंटेनेंस सुचारु रुप से हो सके। लेकिन कई बार अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के लोग धांधली में शामिल हो जाते हैं। ना केवल पैसों का हेर-फेर करते हैं बल्कि कई बार मनमानी तरीके से काम करते भी नजर आते हैं।
केपटाउन AOA पर धांधली के आरोप
नोएडा के सेक्टर 74 स्थित केपटाउन सोसाइटी की अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन एक बार फिर सवालो में घिरी है। इस बार मामला धांधली के लगे हैं। आरोप है कि केपटाउन अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन अपने काम को मनमानी तरीके से अंजाम दे रही है। अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन ने कई ऐसे रेजिडेंट्स को धोखे में रखा है जिन्होंने मेंबरशिप लेने के लिए तमाम डॉक्यूमेंट समेत 1000 रुपये जमा कर दिए हैं। उनके खाते से 1000 रुपये निकल भी चुके हैं लेकिन साल और महीने गुजरने के बाद भी अबतक उन्हें मेंबरशिप नहीं दी गई है। https://gulynews.com ने इस बारे में पड़ताल की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। कई रेजिडेंट्स के साथ अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन इस तरह के धोखे करते आई है।
क्या हुआ खुलासा
केपटाउन सोसाइटी के CM-3 टॉवर में रहने वाले जयशंकर बर्नवाल ने 30 जुलाई 2022 को AOA के मेंबरशिप के लिए अप्लाई किया था। ऑनलाइन 1000 रुपये की फीस इन्होंने AOA के खाते में जमा किया था। लेकिन अब करीब 1 साल होने को हैं अबतक उन्हें मेंबरशिप नहीं दी गई है। आरोप है कि कई बार इस बारे में उन्होंने केपटाउन एओए से संपर्क साधा लेकिन हर बार केपटाउन एओए इनके सवालों से बचती रही और हालत ये है कि इबतक इन्हें मेंबरशिप नहीं दी गई है। जयशंकर बर्नवाल आरोप लगाते हैं कि लंबे समय से केपटाउन AOA इस तरह की अवैध गतिविधियां कर रही है। रेजिडेंट्स से पैसा लेती है लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी अबतक किसी तरह का खाता बही पब्लिक में शेयर तक नहीं किया गया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि जयशंकर बर्नवाल अकेले ऐसे नहीं हैं जिनके साथ केपटाउन एओए ने इस तरह का छल किया है। टॉवर CS-4 में रहने वाले नैय्यर तनवीर भी ऐसे ही रेजिडेंट हैं। करीब 3-4 महीना पहले उन्होंने अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के मेंबरशिप के लिए फॉर्म भरा था। उनके खाते से 1000 रुपया निकल भी चुका है लेकिन अब तक उन्हें मेंबरशिप नहीं दी गई है। तो सवाल है कि रेजिडेंट्स जो आरोप लगा रहे हैं क्या वाकई केपटाउन एओए इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल है ?
इस बारे में https://gulynews.com से बात करते हुए केपटाउन AOA अरुण शर्मा ने बताया है कि जयशंकर बर्नवाल के बेटे के नाम से मेंबरशिप जारी किया गया है। क्योंकि वही फ्लैट के फर्स्ट ऑनर हैं।
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4 साल से लोगों को चुनाव का इंतजार
केपटाउन सोसाइटी इलाके की सबसे बड़ी सोसाइटी है। मार्च 2019 में सोसाइटी में अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के चुनाव कराए गए थे लेकिन अबतक 4 साल बीत जाने के बाद भी अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन का चुनाव सोसाइटी में नहीं हुआ। आरोप है कि राजनीतिक रसूख और पैसे के दम पर अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के सदस्य चुनाव नहीं होने देते। रेजिडेंट्स का आरोप है कि एसोसिएशन के सदस्यों की नियत खराब है यही कारण है कि वो चुनाव से दूर भागते रहे हैं। बीते चार साल में एसोसिएशन ने एक भी जीबीएम नहीं बुलाई है। ना ही पैसों का हिसाब किताब शेयर किया है। केपटाउन अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के आधिकारिक वेबसाइट पर भी हिसाब किताब का कोई लेखा जोखा नहीं मिलता। https://gulynews.com से बात करते हुए कुछ रेजिडेंट्स यहां तक दावा करते हैं कि केपटाउन एओए कई तरह की अवैध कार्यों में भी लिप्त है लोगों का आरोप है कि बिना कमीशन सोसाइटी में कोई काम नहीं होता है।
सेकेट्री गायब हैं
केपटाउन सोसाइटी में जब चुनाव हुए थे तो लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि अब उन्हें बिल्डर से आजादी मिल जाएगी लेकिन 4 साल हो चुके हैं लेकिन लोगों का इंतजार अबतक खत्म नहीं हुआ है। सबसे बड़ा सवाल सोसाइटी के सेक्रेट्री कृष्णा शर्मा पर उठ रहे हैं। जिस दायित्व के निर्वहन की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी अबतक उस दायित्व को पूरा करने में वो असफल रहे हैं। लोग यह भी कहते हैं कि उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया है कि वो मुंह छिपाने के लिए मजबूर हैं। 26 जनवरी और 15 अगस्त छोड़ दिया जाए तो वो सोसाइटी के किसी भी मीटिंग में नजर नहीं आते। रेजिडेंट्स कहते हैं कि लोगों से मुंह तो छिपा लोगे लेकिन खुद की जमीर से कैसे चेहरा छिपाओगे ?
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