July 27, 2024, 9:59 am

Builder Supertech Issue: सुपरटेक के इस सोसाइटी में फिर बड़ा ‘खेल’.. खिलाड़ी कौन पता नहीं लेकिन जिंदगी पर पड़ सकता है भारी!

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday May 11, 2024

Builder Supertech Issue: सुपरटेक के इस सोसाइटी में फिर बड़ा ‘खेल’.. खिलाड़ी कौन पता नहीं लेकिन जिंदगी पर पड़ सकता है भारी!

Builder Supertech Issue: बिल्डर सुपरटेक के ऐसे कई प्रोजेक्ट्स हैं जिसे लेकर विवाद जारी है. कहीं प्रोजेक्ट पूरे नहीं होेने से फ्लैट बायर्स परेशान हैं कहीं पूरे हुए प्रोजेक्ट्स में अधूरे काम से होम बायर्स के हालात ठीक नहीं हैं तो कहीं बिल्डर सुपरटेक के मेंटेंनेंस एजेंसी को लेकर रेजिडेंट्स हताश दिखाई दे रहे हैं. ऐसे कई सोसाइटी हैं जहां बिल्डर सुपरटेक ने वायजी एस्टेट (YG Estate) को मेंटेनेंस और सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन अब इसी मेंटेनेंस एजेंसी की लापरवाही और मनमानी का खामियाजा सोसाइटी में रहने वाले रेजिडेंट्स को सामना करना पड़ रहा है.

क्या है मामला

ताजा मामला नोएडा के सेक्टर 74 स्थित केपटाउन सोसाइटी (Capetown Society, Noida) से जुड़ा है. सोसाइटी को मेंटेन करने के लिए यहां भी बिल्डर सुपरटेक (Builder Supertech Issue) ने वायजी एस्टेट को जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन वायजी एस्टेट (YG Estate) के मनमाने रवैये के कारण अब सोसाइटी में रहने वाले रेजिडेंट्स की जिंदगी पर बड़ा खतरा मडरा रहा है. सोसाइटी में रहने वाले लोग मेंटेनेंस एजेंसी की लापरवाही और कुव्यवस्था के कारण न केवल परेशान हैं बल्कि कुछ लोग तो सोसाइटी में अपना फ्लैट तक बेचने पर मजबूर हैं.

किस तरह की नई मनमानी

दरअसल इन दिनों सोसाइटी के अंदर एक नई अव्यवस्था देखने को मिल रही है. बेसमेंट में मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट (YG Estate) की ओर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चार्जिंग के लिए यहां-वहां अव्यवस्थित तरीके से चार्जिंग प्वाइंट लगाए जा रहे हैं. बेसमेंट वन में ऐसे कई जगहों पर अवैध चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं जिसका न तो बिल्डिंग बायलॉज में जिक्र है और न ही इस तरह के चार्जिंग प्वाइंट्स के लिए वायजी एस्टेट (YG Estate) की ओर से पहले से दिशा-निर्देश जारी हैं. सोसाइटी में रहने वाले रेजिडेंट्स के मुताबिक ऐसे चार्जिंग प्वाइंट फ्लैंट ऑनर और वायजी एस्टेट (YG Estate) की मिलीभगत से बनाए जा रहे हैं.

किस तरह के हैं चार्जिंग प्वाइंट्स

सोसाइटी में तकरीबन 39 ऐसे टॉवर्स हैं जिसमें 4500 से ज्यादा फ्लैट्स ऑपरेशनल हैं. यानी इन फ्लैंटों में लोग रहते हैं. इस आधार पर सोसाइटी में करीब-करीब 20 हजार लोग रहते हैं.अगर किसी होम बायर ने इलेक्ट्रिक कार या स्कूटी खरीदी है तो मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट (YG Estate) की मदद से उस खास इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदार के लिए उसके फ्लैट से एक वायर बेसमेंट में लाया जाता है और उससे एक चार्जिंग प्वाइंट बेसमेंट पार्किंग एरिया में बना दिया जाता है. सूत्रों से पता चला है कि कई जगहों पर यह चार्जिंग प्वाइंट कॉमन एरिया की बिजली से चलाया जा रहा है जिसका बिल यूपीपीसीएल के वीकैप ( V CAP) से बसूला जा रहा है. आरोप है कि चंद रुपयों के लिए मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट (YG Estate) इस काम को अंजाम देती है.

Electric Charging car
Electric Charging car

क्यों उठ रहे हैं सवाल

  1. सोसाइटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि जबतक नोएडा अथॉरिटी से इस तरह की चार्जिंग प्वाइंट की परमिशन नहीं मिल जाती तो ऐसे चार्जिंग प्वाइंट्स क्यों बनाए जा रहे हैं
  2. अगर यह वैध तरीके से हो रहा है तो मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट (YG Estate) लिखित में परमिशन क्यों नहीं दे रहा है
  3. अगर किसी तरह की शॉट सर्किट होती है तो क्या मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट (YG Estate) इसकी जिम्मेदारी लेगी
  4. अगर किसी टॉवर में 150 फ्लैट्स हैं और सभी फ्लैट ऑनर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदते हैं तो इस तरह की 150 चार्जिंग प्वाइंट्स की जरुरत पड़ेगी तो क्या 150 चार्जिंग प्वाइंट्स बनेंगे, अगर ऐसा होगा तो बेवजह इलेक्ट्रिक वायर का जाल बिछेगा और बेसमेंट चार्जिंग प्वाइंट्स से भर जाएंगे. ऐसे में व्यवस्था खराब हो सकती है

मेंटेनेंस एजेंसी वायजी एस्टेट ने क्या कहा

https://gulynews.com की ओर से जब इस बारे में मेंटेनेंस हेड दिव्य प्रिंस से बात की तो उन्होंने इस तरह के चार्जिंग प्वांइट्स की जानकारी से इनकार कर दिया लेकिन जब गली न्यूज की टीम ने उन्हें तस्वीरें दिखाई तो उन्होंने कहा कि वो इस पर बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक एक्शन लेंगे और उन फ्लैट ऑनर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे जो इस तरह के चार्जिंग प्वाइंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.

AoA ने क्या कहा

सोसाइटी के अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने भी ऐसी चार्जिंग स्टेशन की जानकारी से इनकार किया उन्होंने कहा कि वो इस संबंध में जानकारी जुटाएंगे और अगर यह अवैध है तो वो मेटेनेंस एजेंसी समेत नोएडा अथॉरिटी को भी लिखेंगे.

सवाल है कि इतनी बड़ी सोसाइटी में इस तरह के अवैध चार्जिंग प्वाइंट्स किसके इशारे पर बनाए जा रहे हैं. क्या इन चार्जिंग प्वाइंट्स के पीछे कोई बड़ा नेक्सस है जो पैसों का लेन-देन कर अवैध तरीके से चार्जिंग प्वाइंट बनवा रहा है. अगर कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा क्योंकि मेंटेनेंस एजेंसी और एओए दोनों अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल कि सोसाइटी के मंदिर के पास पहले से ही अधिकृत तौर पर चार्जिंग प्वाइंट्स बने हुए हैं तो उसका इस्तेमाल न कर अवैध चार्जिंग प्वाइंट क्यों बनाए जा रहे हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले ही सोसाइटी के ही एक फ्लैट में आग लग गई थी जिस पर आनन-फानन में किसी तरह काबू पा लिया गया था लेकिन ऐसे हालात में जब शॉट सर्किट से आग लगेगी तो बड़ा नुकसान हो सकता है इससे यहां रहने वाले लोगों की जिंदगी पर भी खतरा मडरा रहा है.

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