प्राइवेट स्कूलों के मनमानी के खिलाफ सड़क पर उतरे पेरेंट्स, जमकर की नारेबाजी

नोएडा ग्रेटर नोएडा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है लिहाजा प्राइवेट स्कूलों को सबक सिखाने के लिए और उनसे दो-दो हाथ करने के लिए अब पेरेंट्स भी पूरी तरीके से तैयार हैं। इसी तैयारी के तहत ग्रेटर नोएडा में पेरेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है मामला ?
ग्रेटर नोएडा एक मूर्ति चौक पर रविवार का दिन बेहद खास रहा। आज के दिन स्कूलों की मनमानी के खिलाफ पेरेंट्स इकट्ठा हुए और निजी स्कूलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने एक आवाज में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जमकर आवाज उठाई। प्रदर्शन मैं शामिल लोगों ने स्कूलों में हो रही लूट के खिलाफ प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए जमकर नारेबाजी की और बैनर पोस्टर लेकर स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ हल्ला बोला।
क्यों विरोध प्रदर्शन ?
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों का आरोप है कि निजी स्कूल पेरेंट्स के साथ मनमानी रवैया अपना रहा है। कुछ स्कूल किताबें और ड्रेस के लिए खास दुकानों पर सही सामान खरीदने का दबाव बना रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों के इस कारनामे के बाद अभिभावकों ने शिक्षा माफियाओं के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।
https://gulynews.com से Exclusive बातचीत करते हुए विरोध में शामिल रामनिवास सिंह बताते हैं उनका बच्चा एक निजी स्कूल में पढ़ाई करता है। लेकिन स्कूल मैनेजमेंट बच्चे और उनके पेरेंट्स पर किताबों और ड्रेस के लिए खास दुकान से ही खरीदारी करने का दबाव बना रहा है।
वीडियो यहां देखें :-
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है लिहाजा प्राइवेट स्कूलों को सबक सिखाने के लिए और उनसे दो-दो हाथ करने के लिए अब पेरेंट्स भी पूरी तरीके से तैयार हैं। इसी तैयारी के तहत ग्रेटर नोएडा में पेरेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया।#school#Noida#Gulynews#GulyBreaking pic.twitter.com/MZP2XxqnCt
— Guly News (@gulynews) April 9, 2023
हाईकोर्ट ने आदेश पर भी वापस नहीं हुई 15% फीस
विरोध प्रदर्शन में शामिल अभिभावकों ने बताया कि अभी तक कोरोना काल में ली गई फीस का 15% वापस नहीं लौटाया गया है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि कोरोना काल में अभिभावकों से ली गई 15% फीस को वापस लौटाया जाए, लेकिन उसके बावजूद भी शिक्षा माफिया मनमानी कर रहे हैं।
स्कूलों पर मनमानी के आरोप
अभिभावकों का आरोप है कि प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा के आड़ में माफिया गिरी शुरू कर दी है। अंदाजा इस बात से लगा सकते हो कि अब स्कूल मैनेजमेंट की तरफ से किताबें बेचने वालों के साथ भी सांठगांठ हो गई है। स्कूल के द्वारा बच्चों पर दवाब बनाया जा रहा है कि विशेष दुकान से ही किताबें खरीदी जाए। आरोप है कि बकायदा इसको लेकर पर्ची बनाई जाती है। अगर उस पर्ची पर दुकानदार के साइन ना हो तो किताबें स्कूल वाले एक्सेप्ट नहीं करते हैं और वापस करने के लिए दवाब बनाते हैं।