UP Balia : यूपी के बलिया में फ़ीस ना जमा करने पर बच्चे को टीचर द्वारा इतना मारा गया की बच्चा हो गया पैरालाइज्ड
बलिया में फीस न जमा करने के कारण एक 7 साल के बच्चे को 4 घंटे तक हाथ ऊपर करके खड़ा किया गया। स्कूल प्रबंधक के सामने टीचर ने यह सजा दी। इस बीच उन लोगों ने बच्चे को पीटा भी। सजा के दौरान छात्र को पैरालाइज्ड अटैक पड़ा और वह बेहोश हो गया। बहुत कोशिश के बाद भी बच्चा खड़ा नहीं हो पा रहा था। घटना गुरुवार को रसड़ा के स्कूल की है।
क्लास में हुई ये पूरी घटना बच्चे की चचेरी बहन ने देखी थी। घटना के बाद बच्चे को किसी तरह घर लाया गया था। जहां से परिवार के लोग उसको अस्पताल लेकर पहुंचे थे। बच्चे की हालत में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है।यही नहीं बहन ने बताया की भइया बहुत रो रहे थे, फिर भी टीचर को उनपर तरस नहीं आया ।
जब बच्चे को क्लास में सजा दी गई थी, तब उसकी चचेरी बहन भी उसी क्लास में मौजूद थी। दोनों कक्षा 1 में ही पढ़ते हैं। बच्चे की चचेरी बहन ने उस दिन की पूरी घटना बताई। बहन अलिजबा ने बताया, फीस न देने की वजह से सर ने भइया को बहुत डांटा था । उसके बाद उन्हें ज़बरदस्ती खींच कर सीट से दीवार के पास खड़ा कर दिया था। उनके हाथ ऊपर कर दिए थे। कैमरा बंद करके उनको मोटे डंडे से मारा भी था। भइया बहुत रो रहे थे। बार–बार अम्मी–अम्मी चिल्ला रहे थे ।सर फिर भी रुके नहीं भइया को लगातार मारते रहे
मां ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया अभी पीड़ित छात्र अयाज का इलाज मऊ में सरकारी अस्पताल में चल रहा है। बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है, “अभीबच्चे की स्थिति सुधरने में कितना समय लगेगा ये बताया नहीं जा सकता है।” वहीं, बच्चे की मां ने पुलिस पर कार्रवाई न करने काआरोप लगाया है।
आइये जानते है आख़िर क्या हुआ था उस दिन अयाज़ के साथ ?
अयाज़ की चचेरी बहन ने बताया कि भइया को सीट से खींचकर बाहर ले जाया गया। बच्ची ने बताया, की “मैं और भइया सेम क्लास मेंपढ़ते हैं। अभी चाचा के पास पैसों की दिक्कत है इसलिए वो भइया की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। कई दिनों से भइया को क्लास में आने के लिए मना किया जा रहा था लेकिन एग्जाम होने की वजह से भइया क्लास जा रहे थे। गुरुवार को क्लास में हम और भइया दूसरी सीट पर बैठे हुए थे। मैडम अफसाना हम लोगों को पेपर नोट करा रही थीं।
उन्होंने भइया से जल्दी से जल्दी फीस जमा करने के लिए और फीस न देने पर आगे के एग्जाम न देने की बात कही। उसके बाद वो अपनी कुर्सी पर बैठ गईं और हम लोग पेपर लिखने लगे। कुछ देर बाद स्कूल के प्रबंधक प्रद्युम्न वर्मा और प्रधानाचार्य सत्येंद्र पाल क्लास के अंदर आते हैं। वो पहले तो सबसे पेपर के बारे में पूछते हैं। उसके बाद अचानक से भइया अयाज को देखकर चिल्लाने लगते हैं।
वो भइया को सीट से बाहर खींच कर ले आते हैं। उसकी कॉपी भी ले लेते हैं। उसके बाद क्लास के अंदर उसको हाथ ऊपर करके खड़ाकर देते हैं। फिर वो दोनों क्लास से चले जाते हैं। करीब 20 मिनट हो जाते हैं लेकिन वो लोग वापस नहीं आते। इधर भइया तेज–तेज रोने लगते हैं। जिस पर अफसाना मैडम दोनों सर को बुलाकर लाती हैं। वो कहती हैं, सर अयाज को बैठा दीजिए, कुछ हो गया तो हमलोग फंस जाएंगे। फीस न देने में इस बच्चे की क्या गलती है।
इतना कहने के बाद भी दोनों सर नहीं माने। वो लोग मैडम को डांटकर फिर से मौके से चले जाते हैं। भइया दर्द से परेशान होने लगते हैं।वो टीचर से पानी मांगते हैं लेकिन डर के कारण टीचर पानी देने से मना कर देती हैं। वो मुझसे पानी के लिए बोलते हैं तो टीचर मुझको भी मना कर देती हैं।
वो बार–बार टीचर से बैठने के लिए पूछते हैं, परेशान होकर टीचर उनको क्लास के बाहर खड़ा कर देती हैं। भइया बाहर खड़े होकर भी रोते रहते हैं। इधर क्लास के दूसरे बच्चे भइया पर हंसने लगते हैं। जिस पर टीचर अफसाना उनको डांट देती हैं।
बहुत देर बाद दोनों सर फिर आते हैं तो भइया उनको देखकर बैठने के लिए बोलने लगता है। जिस पर दोनों टीचर एक मोटा डंडा लेकर आते हैं। फिर कैमरे के पास से हटकर भइया के पैर पर मारने लगते हैं। मारने की आवाज सुनकर मैडम क्लास के बाहर जाकर दोनों कोमना करती हैं लेकिन वो लोग भइया को हाथ पर भी मारते हैं। उसके बाद चले जाते हैं। दर्द से परेशान होकर भइया बहुत तेज–तेज रोने लगते हैं।
दोनों सर भइया के रोने के बाद भी वहां से चले जाते हैं। कुछ देर तक हम लोगों को भइया की कोई आवाज नहीं आती है। फिर अचानक भइया बहुत तेजी से जमीन पर गिर जाते हैं। हम लोग मौके पर दौड़कर जाते हैं तो देखते हैं भइया कांप रहे होते हैं। मेरे दूसरे भाई–बहनभी उसी स्कूल में पढ़ते हैं। मैंने उनको भी बुला लिया। बेहोश होने के बाद भी कोई भइया को नहीं उठाता है। हमसे ही उन्हें घर ले जाने केलिए कहा जाता है।
भइया बिल्कुल भी खड़े नहीं हो पा रहे थे। हम लोग किसी तरह उनको घसीटकर घर ला रहे थे। तभी रास्ते में पड़ोस के चाचा साइकिल से जाते दिखे। हम लोगों ने उनसे मदद ली। जिसके बाद भइया बहुत मुश्किल से घर पहुंच पाए हैं। भइया को ऐसी हालत में देखकर घर में सब लोग परेशान हो जाते हैं। घर पर भी भइया को होश नहीं आया। जिसके बाद सभी लोग उनको अस्पताल लेकर चले जाते हैं।“
आपको बता दें की पीड़ित बच्चे अयाज़ ने हमें बताया, “मेरे बहुत रोने के बाद भी मुझे सीट पर नहीं बैठाया। पापा ने कहा था, 2 दिन के अंदर फीस जमा करवा देंगे। मैंने ये बात सर को भी बोली लेकिन फिर भी वो नहीं माने। वो बार–बार बोल रहे थे, अब तेरे मां–बाप को पता चलेगा, जब तू घर जाकर सजा के बारे में बताएगा।मुझे उन लोगों ने मारा भी। सिर पर, पैर पर और पीठ पर डंडा मारा। मैं रोता रहा लेकिन किसी ने भी मुझे बैठने के लिए नहीं कहा। बाहर खड़े–खड़े मुझे चक्कर आ रहा था। फिर पता नहीं एक दम से क्या हुआ सब दिखना बंद हो गया। उसके बाद मैं गिर गया। जब आंख खुली तो अस्पताल में था।“
वहीं बच्चे अयाज की मां का कहना है कि अगर मेरे बच्चे को दुबारा अटैक हुआ तो ठीक नहीं होगा , मेरे बच्चे के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस बिना किसी लापरवाही के आरोपियों को गिरफ्तार करे। मेरा बेटा इतना छोटा है उसके बाद भी उसको ऐसी सजा दी गई। डॉक्टर बोल रहे हैं, आपके बेटे को सही होने में 1 महीने, 3 महीने, 6 महीने या फिर 3 साल का समय भी लग सकता है।
आपको बता दें की अयाज़ का परिवार आर्थिक रूप से भी मज़बूत नहीं है।अयाज के अब्बू सिराज कोरोना के बाद से परेशान हैं। उनका बिजनेस ठप हो गया है। गाड़ी चलाकर वो घर का खर्चा चला रहे हैं। घर में भी अभी दिक्कत हो रही है। इसीलिए फीस नहीं दे पा रहे है
क्या कहना है डॉक्टर का जिसके निगरानी में अयाज़ का इलाज चल रहा है ?
डॉक्टर का कहना है कि बच्चे के ब्रेन में खून नहीं पहुंच रहा है बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर इरतका अली ने बताया, बच्चे के बाएं साइड का पार्ट काम नहीं कर रहा था। इसको स्ट्रोक कहा जाता है। ये बीमारी बड़े लोगों में ज्यादा होती है। कभी–कभी कमजोरी के कारण छोटे बच्चों में भी देखी जाती है। हमने बच्चे का एमआरएई करवाया। जिसमें सामने आया कि बच्चे का ब्रेन का कुछ हिस्सा काम नहीं कर रहा है। वहां खून नहीं पहुंच रहा है। हम लोगों ने बच्चे की दवा शुरू कर दी है। फिजियो थेरेपी करवाई जा रही है। अभी नहीं बताया जा सकता है कि बच्चे को सही होने में कितना समय लगेगा।
प्रशासन ने क्या कदम उठाया इस पूरे मामले में ?
आपको बता दें की जल्द ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा इस मामले में सीओ शिव नारायण वैश ने बताया, छात्र की मां की शिकायत पर पुलिस ने रसड़ा कोतवाली में दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रबंधक प्रद्युम्न वर्मा, प्रधानाचार्य सत्येंद्र पाल और टीचर अफसाना के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके बाद से तीनों फरार हैं। जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।