Twin towers debris work: दिल्ली में प्रदूषण के कारण रुका ट्विन टावर का मलबा उठाने का काम, सांस लेने में लोगों को हो रही दिक्कत
Twin towers debris work: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्थिति में आज लगातार तीसरे दिन सुधार हुआ है. दिल्ली-एनसीआर की एयर क्वालिटी (air quality delhi) सांस लेने लायक हो गई है. लेकिन आपको बता दें कि, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में कई प्रतिबंध लगाए गए थे. हवा में सुधार के लिए यहां ग्रैप लागू कर दिया गया.
क्या है मामला ?
बता दें कि, नोएडा सेक्टर-93-A में बने 28 अगस्त को ट्विन टॉवर (twin tower demolished) को ध्वस्त करने के बाद उससे 80 हजार टन मलबा निकला था. उसे तीन महीने में ही हटाना था, लेकिन प्रदूषण के कारण मलबे को हटाने का काम रोक दिया गया है. अब तक केवल 5340 टन मलबा हटाया गया है. मलबे को ठीक तरीके से ढका भी नहीं गया है और न ही नियमित पानी का छिड़काव किया जा रहा है. जिससे धूल के कारण रेजिडेंट्स को परेशानी हो रही है.
प्राधिकरण क्षेत्र में सभी निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई है. ट्विन टॉवर का मलबा हटाने के काम में लगे 235 मजदूरों को छुट्टी दे दी गई है. यह काम अब कब शुरू होगा, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.
आपको बता दें कि, ट्विन टावर के मलबे को ग्रीन नेट से ढक दिया गया है, ताकि धूल न उडे़. मलबे से निकले स्कैप को कुछ मजदूर जरूर ट्रक में भर रहे हैं, ताकि इन्हें हटाया जा सके. यहां से मलबा हटाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग को तीन महीने का समय दिया गया है. इसमें 15 दिन का समय अथॉरिटी से एनओसी न मिल पाने के कारण बर्बाद हो गया था. अब नवंबर में प्रदूषण बढ़ने से जो दिक्कतें आ रही है, इससे यहां से मलबा जल्द साफ होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है.
https://gulynews.com/wp-admin/ की जानकारी के अनुसार ग्रैप लागू होने के बाद मलबा हटाने के काम को रोक दिया गया है. काम बंद होने से मजदूरों को वेतन देना काफी मुश्किल हो रहा है, इसलिए उन्हें छुट्टी दे दी गई है. अब तक इस साइट से 25 ट्रक यानि लगभग 510 टन लोहे का स्कैप हटाया जा चुका है, जबकि 5340 टन कंक्रीट और मलबा 267 ट्रकों में लाद कर हटाया गया है.
ट्विन टावर की साइट पर लगाई गई पुलिस की व्यवस्था भी हटा दी गई है. इसके साथ ही दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर लोगों की आवाजाही को भी रोक दिया गया है. यहां पर एडिफिस कंपनी के सुरक्षाकर्मी व्यवस्था को देख रहे हैं.
रेजिडेंट्स का कहना है कि जल्द से जल्द यहां से मलबा हटाया जाए. उनका कहना है कि मलबे को ठीक तरीके से ढका नहीं गया है. पानी का छिड़काव नियमित न होने के प्रदूषण की समस्या बनी हुई है.