Up News: नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण में फ्लैट खरीददारों के लिए खुशखबरी, बिल्डरों के लिए सरकार का तोहफा तैयार
Up News: नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्रों में वर्षों से अटकी हुईं ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के फ्लैट खरीददारों को मकानों का कब्जा दिलाकर उनके पक्ष में रजिस्ट्री/सब लीज डीड कराने की राह खुल गई है। शासनादेश के जरिये खरीददारों और बिल्डर्स की समस्याओं के समाधान के लिए पैकेज तय कर दिया गया है। इसके तहत तीन माह में रजिस्ट्री करनी होगी।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्रों में वर्षों से अटकी हुईं ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के फ्लैट खरीददारों को मकानों का कब्जा दिलाकर उनके पक्ष में रजिस्ट्री/सब लीज डीड कराने की राह खुल गई है। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को मानने का निर्णय किए जाने के बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है।
शासनादेश के जरिये खरीददारों और बिल्डर्स की समस्याओं के समाधान के लिए पैकेज तय कर दिया गया है। इसके अनुसार सभी पूर्ण निर्मित फ्लैट या ऐसे फ्लैट जिनमें खरीदार कब्जा प्रमाणपत्र प्राप्त कर या इसके बिना रह रहे हों, उनकी औपचारिकताएं पूरी कर तीन माह के अंदर रजिस्ट्री की जाएगी। रजिस्ट्री करने के पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फ्लैट/टावर को अग्निशमन और निर्माण संबंधी सभी अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त हो गए हों। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लगभग 2.4 लाख ऐसे फ्लैट हैं जो पूरे नहीं हो सके हैं। प्राधिकरण का बोर्ड पैकेज के क्रियान्वयन की निगरानी करेगा। सभी महत्वपूर्ण निर्णय बोर्ड से मंजूर कराए जाएंगे। पैकेज का क्रियान्वयन पूरा होने तक प्रत्येक बोर्ड बैठक में एक एजेंडा के रूप में अनिवार्य रूप से इसकी निगरानी की जाएगी।
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सबसे पहले थर्ड पार्टी/चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा आंकलित किये गए बकाये तथा कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत दो वर्ष की अवधि के लिए दी जाने वाली जीरो पीरियड (एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक) की रियायत को कुल बकाये की राशि से घटाते हुए शुद्ध बकाये की राशि का आकलन किया जाएगा। पैकेज के मुताबिक सहमति देने वाले तथा कार्य करने वाले बिल्डर का पट्टा विलेख निरस्त नहीं किया जाएगा।
पैकेज स्वीकार कर शुद्ध बकाये के सापेक्ष 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने पर प्राधिकरण की ओर से भूमि गिरवी रखने की अनुमति दी जाएगी ताकि बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने और बकाये के भुगतान के लिए संसाधन जुटा सकें। शुद्ध बकाये के सापेक्ष 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने के बाद रजिस्ट्री, प्लान की मंजूरी और विस्तार की अनुमति 15 दिन के अंदर मिल सकेगी।
पैकेज स्वीकार करने और जीरो पीरियड की रियायतों के बाद बिल्डर शेष धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिनों के भीतर प्राधिकरण को भुगतान करेगा। शेष 75 प्रतिशत धनराशि का भुगतान साधारण ब्याज के साथ तीन साल में किया जाएगा। यदि कोई सहयोगी बिल्डर परियोजना को पूरा करने में शामिल होना चाहता है तो वह प्राधिकरण में बिल्डर की सहमति के साथ सहयोगी के रूप में परियोजना में शामिल होने के लिए आवेदन करेगा।
प्राधिकरण इस पर निर्णय लेते हुए परियोजना में उसे सहयोगी बिल्डर के तौर पर दर्ज करेगा। इसके बाद प्राधिकरण के बकाये के भुगतान और परियोजना को पूरा करने के लिए मूल आवंटी और सहयोगी बिल्डर संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे।
100 करोड़ रुपये के शुद्ध बकाये की राशि अधिकतम एक वर्ष, 500 करोड़ रुपये की दो वर्षों और इससे अधिक बकाये की रकम तीन वर्षों में अदा करनी होगी। यदि कोई बिल्डर निर्धारित समयसीमा के भीतर परियोजना को पूरा करने में विफल रहता है तो तीन वर्ष की अवधि के बाद बकाये की शेष धनराशि पर 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा और परियोजना प्राधिकरण द्वारा पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा।
नीति के दायरे में आने वाले मामले
-प्राधिकरणों की ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं
-वाणिज्यिक परियोजनाओं और टाउनशिप डेवलपमेंट प्रोजेेक्ट के ग्रुप हाउसिंग कंपोनेंट
-एनसीएलटी या कोर्ट से अपने वाद वापस लेने या समाप्त करने वाली ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं