November 22, 2024, 5:09 am

Greater Noida News: शिक्षण संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से किया इनकार…अभिभावकों को नहीं लौटाई कोरोना काल में ली गई 15 फीसद फीस…

Written By: गली न्यूज

Published On: Monday December 4, 2023

Greater Noida News: शिक्षण संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से किया इनकार…अभिभावकों को नहीं लौटाई कोरोना काल में ली गई 15 फीसद फीस…

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दें कि  कोरोना काल के दौरान वसूली गई स्कूल फीस की 15 फीसदी राशि लौटाने और समायोजित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को शिक्षण संस्थान मानने को तैयार नहीं हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग भी स्कूलों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन कराने में फेल साबित हो रहा है। CBSE,ICSC,UP बोर्ड सहित (Greater Noida News)अन्य बोर्ड स्कूल जिले में संचालित हो रहे हैं।

अधिकारियों ने स्कूल प्रशासन के आगे टेके घुटने

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल (Greater Noida News)के सामने घुटने टेक दिए है। कोर्ट के आदेश आने के बाद अब तक 70 स्कूलों की तरफ से ही 15 प्रतिशत फीस तय की गई है। बाकी स्कूल फीस समायोजित करने में आनाकानी कर रहे है। विभाग की कार्रवाई भी नोटिस और दस्तावेज तक सिमट गई है। नामी स्कूलों के अभिभावक चक्कर काट रहे है,लेकिन उन्हें स्कूूल के गेट से ही भगा दिया गया।

यह भी पढ़ें:

Ghaziabad News: मकान किराये पर देने का विज्ञापन करना पड़ा भारी, दारोगा बताकर मालिक से ठगे1लाख

अभिभावकों ने बताई सच्चाई

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले अभिभावक करण ने बताया कि कई बार स्कूल से फीस समायोजित करने के लिए संपर्क किया गया। हर बार स्कूल वाले कह देते हैं कि उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है। अभिभावक बीएस त्रिपाठी ने बताया कि उनका बेटा स्कूल से पास आउट हो चुका है। स्कूल से कोरोना काल में ली गई 15 प्रतिशत फीस वापस करने के लिए कई बार स्कूल को मेल और लिखित में भी दिया। उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।

100 स्कूलों पर लग चुका है 1 लाख का जुर्माना

कोर्ट का आदेश नहीं मनाने वाले 100 से अधिक स्कूलों के ऊपर एक एक लाख रुपये दंड लगाया गया था। कुछ स्कूलों को छोड़ कर किसी ने भी दंड की राशि जमा नहीं की थी। कड़ी कार्रवाई नहीं होने से स्कूल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना हैं कि प्रशासन की कार्रवाई केवल दिखावे के लिए की गई थी,जिन स्कूलों के खिलाफ दंड लगाया गया। उनके नाम तक सार्वजनिक नहीं किये गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.