Supertech Group: सुपरटेक के चेयरमैन के खिलाफ ईडी की चार्जशीट पर सुनवाई टली, ये है वजह
Supertech Group: सुपरटेक ग्रुप (Supertech Group) के चेयरमैन के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के मामले पर 15 सितंबर को विचार करने की संभावना है. इस दौरान विशेष न्यायाधीश देवेंदर कुमार जंगाला ने कहा कि ईडी ने 100 पेज का चार्जशीट दाखिल की है. इसलिए दस्तावेजों के अवलोकन के लिए और समय चाहिए. इस दिन कोर्ट यह तय करेगा कि चार्जशीट स्वीकार करने लायक है या नहीं. इससे पहले 24 अगस्त को ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा (Supertech chairman RK Arora) के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं, इस मुद्दे पर कोर्ट 15 सितंबर को विचार करेगी. विशेष न्यायाधीश देवेंदर कुमार जंगाला ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपपत्र व उससे जुड़े दस्तावेज काफी है इसलिए उन्होंने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.
ईडी की चार्जशीट में क्या
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 24 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरोड़ा, सुपरटेक ग्रुप और आठ अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. उन पर कम से कम 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है.
ईडी की लगभग 100 पेज की अभियोजन शिकायत जोकि एक आरोप पत्र के बराबर है, में दावा किया गया है कि आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. अरोड़ा को तीन दौर की पूछताछ के बाद 27 जून को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था. ईडी के अनुसार, समूह कंपनियों पर कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी का आरोप है.
किस तरह की मनी लॉन्ड्रिंग
प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में आरके अरोड़ा के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं. चार्जशीट के मुताबिक आरके अरोड़ा ने अपनी 8 सहयोगी कंपनी के साथ मिलकर कई फ्लैट खरीदारों को धोखा दिया है.
परिवर्तन निदेशालय ने धोखाधड़ी, ठगी और घर खरीदारों के साथ फ्रॉड के मामले में सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इसको दिल्ली के विशेष न्यायाधीश देवेंद्र कुमार की कोर्ट में दाखिल किया गया. आरोप पत्र में कोर्ट से अपील की गई है कि आरके अरोड़ा के खिलाफ एक्शन लेने के लिए ठोस सबूत मौजूद है.
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फ्लैट खरीदारों का पैसा डायवर्ट किया
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के सैकड़ों फ्लैट खरीदारों ने सुपरटेक समूह की कंपनियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए हैं. फ्लैट खरीदारों का आरोप है कि उनके पैसे को इस समूह की कंपनियों ने अवैध रूप से दूसरे कारोबार में डायवर्ट किया है. इन शिकायतों को संयुक्त रूप से प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की. जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं कि सुपरटेक समूह की कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों का पैसा गैरकानूनी ढंग से डायवर्ट किया है.