Thyroid Issues: थायरॉइड की समस्या में भूलकर भी ना खाएं ये चीजें, वरना बढ़ जाएगी बीमारी
Thyroid Issues: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं, उनमें से थायराइड बहुत ही कॉमन है। जब थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन अधिक होता है तो उस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं और यदि हार्मोन का कम उत्पादन होता है तो उसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। हर रोग का रोगी के खान-पान से बहुत बड़ा नाता होता है, ठीक इसी तरह थायरॉइड रोग और खान-पान के बीच अटूट संबंध है। गलत डाइट से थायरॉइड की समस्या बढ़ सकती हैं। ऐसे में आज हम आपको उन आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें थायरॉइड की समस्या के दौरान नहीं खाना चाहिए।
क्या है पूरा मामला
हमारे शरीर में कई तरह की ग्रंथिया काम करती हैं जिसमें से एक हैं थायरॉइड (Thyroid Issues) जो गले में स्थित होती है। जब थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन अधिक होता है तो उस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं, और यदि हार्मोन का कम उत्पादन होता है तो उसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। आजकल बिगड़ी जीवनशैली और खानपान पर ध्यान न देने की वजह से ज्यादातर लोग थायरॉइड की समस्या से परेशान रहने लगे हैं। हर रोग का रोगी के खान-पान से बहुत बड़ा नाता होता है, ठीक इसी तरह थायरॉइड रोग और खान-पान के बीच अटूट संबंध है। गलत डाइट से थायरॉइड की समस्या बढ़ सकती हैं। ऐसे में आज हम आपको उन आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें थायरॉइड की समस्या के दौरान नहीं खाना चाहिए। आइये जानते हैं इनके बारे में विस्तार से…
इन चीजों को अधिक मात्रा में खाने से थायराइड की समस्या बढ़ती है।
आयोडीन युक्त पदार्थ
अगर आप थायराइड से संबंधित समस्या से लड़ रहे हैं तो ऐसे में जरूरी है कि आप आयोडीन युक्त खाद्य सामग्री का सेवन कम से कम करें या बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि अगर आप आयोडीन युक्त पदार्थों का सेवन करते हैं तो इससे ग्रेव्स डिजीज नाम की एक ऑटो इम्यून स्थिति पैदा हो जाती है। इसलिए आयोडीन युक्त पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए, जैसे दूध, पनीर, एग योल्क और मक्खन आदि।
ग्लूटेन फूड
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन का सेवन कम करना चाहिए। ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, जौ, राई और अन्य अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को सीलिएक डिसीज है, तो यह ग्लूटेन छोटी आंत में समस्या उत्पन्न कर थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट मेडिकेशन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
पत्तेदार सब्जियां
कुछ पत्तेदार सब्जियाँ, जैसे- गोभी, ब्रोकोली, काले, फूलगोभी, पालक, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए, दरअसल कई रिसर्च के मुताबिक़ इन सब्जियों के सेवन से थायराइड ग्रन्थि के आयोडीन को उपयोग करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है, नतीजन हार्मोन के उत्पादन में कमी आ जाती है और हाइपोथायरायडिज्म की समस्या तीव्र हो जाती है।
ग्रीन टी
अधिक ग्रीन टी का सेवन थाइराइड में नुकसानदायक साबित हो सकता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन एंटी-थाइराइड एजेंट की तरह काम कर सकता है, जो हार्मोन के निर्माण को कम करता है। इसलिए, थाइराइड में परेशानी हो सकती है। जैसे कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि हाइपो में थायराइड हार्मोन बनना कम या बंद हो जाते हैं। ऐसे में हाइपोथायराइड में ग्रीन टी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
कैफीनयुक्त पेय पदार्थ
आमतौर पर घरों या दफ्तरों में लोग चाय, कॉफी या चॉकलेट का सेवन करते हैं, जिनमें कैफीन होता है। इनके सेवन से घबराहट, चिड़चिड़ापन, और हार्ट रेट बढ़ सकता है। जो हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति के लक्षणों को बढ़ाने का कार्य कर सकता है।
प्रोसेस्ड फूड्स
प्रोसेस्ड या जंक फूड्स में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। सोडियम हाइपोथायरायडिज्म और थायराइड की कमी दोनों मरीजों की सेहत पर बुरा असर डालता है।
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फैट युक्त आहार
फैट युक्त आहार खाने पर थायराइड के हार्मोन उत्पादन की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए आपको हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में वसायुक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करना चाहिए, कुछ हाई फैट कंटेनिंग फूड नीचे दिए गए हैं।
सोयाबीन
सोयाबीन और सोया युक्त खाद्य पदार्थों से हाइपोथायरायडिज्म का जोखिम बढ़ सकता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजन होता है जो थायराइड हार्मोन का निर्माण करने वाले एंजाइम की कार्य करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।