Supreme Court on builders: नोएडा के बिल्डरों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, बिल्डर दिवालिया होने के कगार पर
Supreme Court on builders: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दे दिया है. कई सालों से चल रहे लंबे मुकदमे में शहर के बिल्डर नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से हार गए हैं. इस फैसले से दोनों विकास प्राधिकरणों को करीब 20,000 करोड़ रुपए का फायदा मिलेगा. बिल्डरों से फ्लैट खरीद कर बैठे लोगों को कितना फायदा होगा अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है.
https://gulynews.com/wp-admin/ की जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद शहर के कई और बिल्डर दिवालिया होने के कगार पर पहुंच सकते है.
क्या है मामला ?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से बिल्डरों ने साल 2009 से लेकर 2014 तक करीब 200 हाउसिंग परियोजनाओं के लिए 20 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन का आवंटन किया. बिल्डरों ने दोनों प्राधिकरणों की भूमि का भरपूर फायदा उठाया. करीब 2 लाख परिवारों को इन हाउसिंग परियोजनाओं में फ्लैट बेचे. फ्लैट खरीदारों से मिला पैसा प्राधिकरण को चुकाने की बजाय दूसरी कंपनियों और धंधों में ट्रांसफर करने लगे. जब प्राधिकरणों ने पैसा वसूली का दबाव बनाया तो बिल्डरों ने सुप्रीम कोर्ट में चले गए.
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बिल्डरों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि औद्योगिक विकास प्राधिकरण मनी लेंडर की तरह काम कर रहे हैं. भूमि आवंटन पर मोटा ब्याज, जुर्माना और पेनल्टी ब्याज वसूल किया जा रहा है. जिसकी वजह से रियल एस्टेट कंपनियां आर्थिक संकट में पहुंच गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया. करीब 3 साल पहले फैसला सुनाया कि विकास प्राधिकरण मनी लेंडर की तरह काम नहीं कर सकते हैं. ब्याज बहुत ज्यादा वसूल किया जा रहा है. भूमि आवंटन पर विकास प्राधिकरण बिल्डरों से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एमसीएलआर के अनुसार ब्याज वसूली करेंगे. एसबीआई की एमसीएलआर पर 1% अतिरिक्त एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज लगाया जा सकता है.