Suicide Case in India: दिल्ली-एनसीआर में सुसाइड के मामले बढ़े, ऐसे मामलों के पीछे क्या है कारण ?
टेंशन (Tension) इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। कई बार परेशानी, उधारी या फिर बाकी समस्याओं के कारण लोग तनाव में आ जाते हैं। कई बार लोगों पर टेंशन इतना हावी हो जाता है कि वो सुसाइड (Suicide Case in India) यानी की आत्महत्या को सबसे बड़ा समाधान मानते हैं। लेकिन यह ये गद्दारी है अपने परिवार, दोस्तों और खुद के साथ भी।
NCRB की रिपोर्ट क्या कहती है ?
NCRB की रिपोर्ट बताती है कि सुसाइड (Suicide Case in India) के मामले में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। साल 2019 में देशभर में सुसाइड के कुल मामले 1 लाख 39 हजार 123 थे जो साल 2020 में बढ़कर 1 लाख 53 हजार 52 हो गए ।
साल दर साल बढ़ते केस
साल 2019 2020
सुसाइड केस 1,39,123 1,53,052
इन आकड़ों पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि सुसाइड केस (Suicide Case in India) में केवल एक साल के भीतर ही 11 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। बीते कुछ समय से दिल्ली-एनसीआर में सुसाइड के मामलों में तेजी आई है। साल 2020 में दिल्ली में ही 3 हजार 152 लोगों ने आत्महत्या की। जो किसी भी यूनियन टेरेटरिज में सबसे ज्यादा था। हैरानी की बात यह है कि 53 बड़े शहरों में कुल 23 हजार 855 लोगों ने सुसाइड किया था।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आत्महत्या के मामले में तेजी आई है। पिछले 48 घंटे में 8 लोगों ने अपनी जान दे दी। माना जा रहा है सभी ने तनाव में खुदकुशी कर ली। चिंता की बात यह है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर युवा हैं। कॉम्पीटिशन, बराबरी की आड़ में लोग खुद को भूल जाते हैं कि उनमें क्या खासियत है। एक तरफ सिविल सर्विसेज की लड़की ने खुदकुशी की, तो दूसरी तरफ 17 साल की नाबालिग ने फांसी लगाकर खुद की जान दे दी।
आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं, आप जिंदा रहकर की समस्या का समाधान कर सकते है, हर समस्या का समाधान जरूर होता है, समस्या से डरें नहीं, डट के सामना करें।