April 20, 2024, 12:32 pm

Rajasthan news: राजस्थान में हॉस्टल की छठी मंजिल से गिरकर स्टूडेंट की मौत, ऐसे हुआ हादसा

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday February 4, 2023

Rajasthan news: राजस्थान में हॉस्टल की छठी मंजिल से गिरकर स्टूडेंट की मौत, ऐसे हुआ हादसा

Rajasthan news: राजस्थान (Rajasthan news) के कोटा (kota) में छठी मंजिल से गिरने से एक स्टूडेंट की मौत हो गई. स्टूडेंट गुरुवार रात 11:15 बजे अपने तीन दोस्तों के साथ बालकनी में बैठा था. कुछ देर बाद चारों दोस्त उठकर जाने लगे. इसी दौरान स्टूडेंट उठकर चप्पल पहनने लगा तो उसका बैलेंस बिगड़ गया और पास ही बालकनी में लगी जाली को तोड़ते हुए वह सीधा नीचे जा गिरा. जिससे उसकी मौत हो गई. जिससे तीनों दोस्तों में हलचल मच गई. वह भागते हुए नीचे गए. घटना की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

डीएसपी अमर सिंह ने बताया कि मृतक इशांशु भट्टाचार्य (20) धुपगुरी, जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) का रहना वाला था. वह कोटा के जवाहर नगर इलाके में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था. इशांशु की छठी मंजिल से गिरने से मौत हो गई. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. इशांशु वात्सल्य रेजिडेंसी हॉस्टल (Vatsalya Residency Hostel) की छठी मंजिल पर रहता था. वह यहां पिछले साल अगस्त में आया था. इतनी ऊंचाई से गिरने की वजह से स्टूडेंट का चेहरा बिगड़ गया.

पुलिस ने उसके घर वालों को सूचना दे दी है. उनके आने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा. यह कोई सुसाइड का मामला नहीं है. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी है. इसमें बच्चा असंतुलित होकर गिरता नजर आ रहा है.

बालकनी विंडो की हाइट कम और कमजोर जाली होने के कारण यह हादसा हुआ है. यह घटना 10 मंजिला हॉस्टल में हुई है. हर मंजिल की बालकनी में एल्युमीनियम की जालियां लगाई गई हैं.बालकनी में बैठने का स्पेस भी है. हॉस्टल संचालकों ने यहां पर फर्श और जाली के बीच बहुत कम गैप छोड़ा हुआ है. जालियां भी काफी कमजोर हैं. ऐसे में हल्के झटके से जाली टूटकर गिरने का डर रहता है. लापरवाही बच्चे की जिंदगी पर भारी पड़ गई.

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मोबाइल गेम खेल रहे थे दोस्त

मृतक के दोस्त अभिषेक ने बताया- हम लोग बैठकर मोबाइल में गेम खेल रहे थे, ताकि थोड़ा रिलैक्स हो सकें. गेम खत्म होने के बाद आपस में बातें करने लगे. इसके बाद वापस पढ़ाई करने के लिए कमरे में जाने के लिए खड़े हुए तभी यह हादसा हो गया. हम दौड़कर नीचे पहुंचे तो इशांशु के सिर से खून निकल रहा था. उसकी सांस कम हो रही थी. अब इसमें गलती किसकी है, क्या है, यह तो मैं क्या कहूं. हमारा दोस्त चला गया.

निजी अस्पताल में भर्ती करने से किया इनकार

हादसे के तुरंत बाद इशांशु को लेकर दादाबाड़ी स्थित पारीक अस्पताल पहुंचे. इशांशु को स्ट्रेचर पर लिटा कर अंदर ले जाने लगे, लेकिन वहां के स्टाफ ने उसे एडमिट करने से ही मना कर दिया. स्टाफ ने कहा- बच्चे का इलाज यहां नहीं होगा. अगर उसे समय रहते वहां इलाज मिल जाता तो थोड़ी बहुत संभावना उसके बचने की रहती.

पारीक हॉस्पिटल के डॉक्टर केके पारीक ने बताया- बच्चे को गंभीर हालत में हमारे यहां लेकर आए थे. उसका सिर फटा हुआ था. हमारे अस्पताल में न्यूरो सर्जन की व्यवस्था नहीं है. इसलिए बच्चे को हायर हेल्थ इंस्टीट्यूट में रेफर कर दिया गया था. ताकि उसे जल्द से जल्द सही इलाज मिल सके.

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