छावला गैंगरेप केस: SC ने रेप के तीन आरोपियों को किया रिहा
छावला गैंगरेप केस: दिल्ली के छावला इलाके में 19 साल की उतराखंड की रहने वाली लड़की से गैंगरेप (Chhawla gangrape-murder case 2012) और हत्या के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on rape case) ने बरी कर दिया है. यह रेप की घटना 2012 की है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से आरोपियों को दी गई फांसी की सजा को पलट दिया. इस मामले में निचली अदालत और हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी.
क्या है मामला ?
यह मामला उत्तराखंड के पौड़ी में रहने वाली 19 साल की लड़की के अपहरण के बाद दरिंदगी और हैवानियत का है. इसके बाद उसकी आंखों में तेजाब तक डाल दिया था. रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना साल 2012 की है.
दरअसल 14 फरवरी 2012 को उत्तराखंड निवासी अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी. उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजन डर गए. घबराए परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. बाद में परिजनों को सूचना मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं.
आरोपियों ने लड़की के साथ रेप किया. लड़की को कार में इस्तेमाल होने वाले औजारों से पीटा गया, उसके शरीर को जगह जगह सिगरेट से दागा गया था और उसके चेहरे को तेजाब से जलाया गया था. इसके बाद आरोपी गिरफ्तार किए गए थे.
दिल्ली की अदालत ने 19 साल की लड़की से रेप और हत्या के आरोपी ठहराए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई थी. इस फैसले को सही मनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी. इसके बाद आरोपियों की तरफ से सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस यू यू ललित (Chief Justice UU Lalit onChhawla gangrape-murder case) की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपी रवि कुमार, राहुल और विनोद को को बरी कर दिया. जिससे सभी लोगों में आक्रोश बना हुआ है.