Delhi-Mumbai Expressway news: दिल्ली से 2 घंटे में जयपुर और 12 घंटे में मुंबई, PM करेंगे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन
Delhi-Mumbai Expressway news: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 12 फरवरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) के सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद दिल्ली और राजस्थान की राजधानी जयपुर के बीच की यात्रा सिर्फ करीब दो घंटे में पूरी हो सकेगी. बता दें, दिल्ली और मु्ंबई के बीच बनाया जा रहा एक्सप्रेस वे 1390 किलोमीटर लंबा है, इससे दिल्ली और मुंबई के बीच का सफर 24 के बजाए केवल 12 घंटे में पूरा हो सकेगा. इस एक्सप्रेस वे के अगले साल मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है. यह आठ लेन का एक्सप्रेस वे है जो 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा. यह दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात होते हुए महाराष्ट्र पहुंचेगा.
क्या है प्रोजेक्ट?
देश का पहला ग्रीन कॉरिडोर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे 1,380 किलोमीटर लंबा है. इस हाइवे पर करीब 1 लाख करोड़ की लागत आनी है. हाइवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से गाड़ियां चलेंगी और 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई पहुंचा जा सकेगा. कॉरिडोर को 12 लेन का बनाने की योजना है. अभी तक पूरे वर्ल्ड में 12 लेन का इतना लंबा कॉरिडोर नहीं है. अभी यह हाइवे 8 लेन का है. हाइवे के बीच में 21 मीटर चौड़ी जगह छोड़ी जा रही है. जैसे ही इस हाइवे पर ट्रैफिक बढ़ेगा, दोनों ओर दो-दो लेन और बना दी जाएंगी. इससे यह हाइवे 12 लेन का हो जाएगा. जानकारी के मुताबिक हरियाणा में इस हाइवे की लंबाई 160 किलोमीटर है. हरियाणा के हिस्से पर 11 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसके अलावा दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के अन्य हिस्सों पर भी काम चल रहा है, कुछ पर काम खत्म भी हो गया है.
क्या हैं खासियतें?
हाइवे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की अलग लेन होगी. इस हाइवे के शुरू हो जाने पर हर साल करीब 32 करोड़ लीटर फ्यूल की बचत होगी. इसकी वजह से सालाना करीब 85 करोड़ किलोमीटर कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन घटेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. हाइवे पर करीब 20 लाख पौधे लगाए गए हैं.
5 राज्यों से होकर गुजरेगा हाइवे
दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर 5 राज्यों से होकर गुजरेगा. इनमें दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं. यह एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद और सूरत जैसे इकनॉमिक हब के लिए भी शानदार कनेक्टिविटी मुहैया कराएगा. इस कॉरिडोर के शुरू होने से बिजनेस कनेक्टिविटी बढ़ेगी और ट्रेड को बढ़ावा मिलेगा.
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गौरतलब है कि, इससे पहले, पीएम मोदी ने पिछले साल जुलाई में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था. इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा किया गया है. चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है. यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है. यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है.