Noida News: एमिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट करते थे गांजा की सप्लाई.. पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
Noida News: नोएडा से ऑनलाइन ड्रग्स तस्करी से जुड़ा एक बेहद दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है।ऑनलाइन ड्रग्स तस्करी में होटल मैनेजमेंट स्टूडेंट समेत पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट्स को राइडर व पोर्टर एप के माध्यम से गांजा पहुंचाया जाता था। मामले में चरस सरगना आईटीआई पास, गिराेह में दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्व स्टूडेंट भी शामिल पाया गया है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक नोएडा में एमिटी विश्वविद्यालय समेत दिल्ली-एनसीआर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ऑन डिमांड मादक पदार्थों की सप्लाई करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का नोएडा पुलिस ने खुलासा किया है। कोतवाली सेक्टर-126 पुलिस ने शनिवार को सरगना समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें एमिटी विवि का स्टूडेंट और डीयू का पासआउट स्टूडेंट भी शामिल है। आरोपियों के पास से करीब 12 लाख के मादक पदार्थ, सात मोबाइल, एक इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटा और तस्करी में इस्तेमाल की जाने वाली बाइक और स्कूटी बरामद हुई है।
कोतवाली सेक्टर-126 पुलिस की टीम ने शनिवार को एमिटी विवि कट के पास से रिहा, नेपाल निवासी सागर, बिहार निवासी निशांत, मैनपुरी निवासी सचिन कुमार, सहरसा निवासी हर्ष झा और रोहिणी दिल्ली निवासी चेतन अदलका को गिरफ्तार किया है। आरोपी विद्यार्थियों को विदेशी गांजा ओजी, शिलाॅन्ग के गांजे और चरस की सप्लाई करते थे और इसके लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का सहारा लेते थे।नोएडा जोन के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि आईटीआई पास सरगना सचिन मध्य प्रदेश के चिंटू से 90 हजार प्रति किलो कीमत वाला शिलाॅन्ग गांजा मंगवाता है। डीयू का पूर्व स्टूडेंट सागर स्नैपचैट, टेलीग्राम और व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्मों के माध्यम से अलग-अलग विवि अन्य शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थियों से जुड़ा है।
मांग के अनुसार सचिन और सागर ड्रग्स की डिलीवरी कराते थे। आरोपी सोशल मीडिया के कई प्लेटफाॅर्म पर ग्रुप बनाकर नशे का कारोबार कर रहे थे। सप्लाई के लिए फ्लिपकार्ट, अमेजन और मीसो जैसी कंपनियों की नकली रैपर में पैकिंग कर छोटे-छोटे पार्सल बनाए जाते थे। इन पैकेट को इन्हीं का राइडर विश्वविद्यालय, हॉस्टल और पीजी में सप्लाई करता था।
डिलीवरी ब्वॉय बनकर पहुंचाते थे ऑर्डर
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि सोशल साइट और व्हाट्सएप पर ऑर्डर आते ही निशांत पैकेजिंग का काम करता था। आरोपी फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी कंपनियों के रैपर में गांजे को सील करते थे। इसके बाद हर्ष डिलीवरी ब्वॉय बनकर बाइक या स्कूटी से उसे गंतव्य तक पहुंचता था। हर्ष पहले ऐप बेस्ड बाइक टैक्सी चला चुका है इसलिए उसे शहर के रास्तों के बारे में भी पता है। ई-कॉमर्स कंपनी के डिलिवरी ब्वॉय की ड्रेस में होने से उस पर किसी को शक नहीं होता था।
किराये के कमरे में चलता था गिरोह
एडीसीपी मनीष मिश्र ने बताया कि तस्करों ने मादक पदार्थों की तस्करी के लिए बरौला गांव में किराये पर एक कमरा लिया था। यहीं पर योजना बनाई जाती थी। यहां से व्हाट्सएप ग्रुप पर स्टूडेंट को जोड़ा जाता था और उन्हें गांजे की कीमत और तीव्रता के बारे में बताया जाता था। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। पुलिस ने यहां से मादक पदार्थों की खेप बरामद की है। मामले में चिंटू और अनित सोम की गिरफ्तार के लिए दो टीम गठित गई हैं।
स्नैपचैट, टेलीग्राम से लेकर पोर्टर एप का इस्तेमाल
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि गांजे की तस्करी के लिए तस्कर स्नैपचैट, टेलीग्राम से लेकर पोर्टर एप तक इस्तेमाल करते थे। गिरोह ऑनलाइन और ऑन डिमांड सिस्टम पर काम करता था। इनके पास कई व्हाट्स एप ग्रुप मिले हैं। इसके साथ ही स्नैप चैट से लेकर टेलीग्राम पर भी ग्राहकों को जोड़ते थे। इसके साथ पर्सनल राइडर के अलावा पोर्टर एप से भी रैपर में डालकर गंतव्य तक ड्रग्स पहुंचाते थे।
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आरोपियों के बंटे हुए थे काम
1. सचिन कुमार : आईटीआई पास, गैंग का सरगना
2. चेतन अदलका : होटल मैनेजमेंट का छात्र, ऑनलाइन गांजा सप्लाई
3. सागर : डीयू पासआउट, पैकेजिंग और सप्लाई
4. हर्ष : आईटीआई पास, पैकेजिंग और सप्लाई
5. निशांत : आईटीआई पास, राइडर का काम