September 20, 2024, 3:03 am

Noida News: खुशखबरी, 1.12 लाख खरीदारों को फ्लैट मिलने में होगी आसानी, ग्रेनो की संयुक्त बैठक में लिया गया निर्णय

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday December 27, 2023

Noida News: खुशखबरी, 1.12 लाख खरीदारों को फ्लैट मिलने  में होगी आसानी, ग्रेनो की संयुक्त बैठक में लिया गया निर्णय

Noida News: समस्त नोएडा वासियों के लिए खासतौर पर जो लोग फ्लैट खरीदना चाहते हैं, उनके लिए बड़ी खुशखबरी है। ग्रेटर नोएडा परिसर में मंगलवार को नोएडा और ग्रेनो की संयुक्त बोर्ड बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा-ग्रेटर नोएडा के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह समेत दोनों प्राधिकरणों के बोर्ड के सदस्यों के सामने इसे अंगीकार करने का फैसला लिया गया। बैठक में नोएडा की ओर से आठ और ग्रेनो से 20 प्रस्ताव रखे गए।नोएडा प्राधिकरण की 213वीं और ग्रेनो प्राधिकरण की 133वीं बोर्ड बैठक में फैसले के बाद नोएडा में 56 परियोजनाओं के करीब 32 हजार और ग्रेनो के 117 परियोजनाओं में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाया जा सकेगा।

क्या है पूरा मामला

Noida News: जानकारी के मुताबिक नोएडा और ग्रेनो प्राधिकरण की ओर से बिल्डर-खरीदार मामले में जारी किए शासनादेश को अंगीकार करने के बाद जिले के 1.12 लाख फ्लैट खरीदारों के आशियाना मिलने का रास्ता साफ हो गया। ग्रेटर नोएडा परिसर में मंगलवार को नोएडा और ग्रेनो की संयुक्त बोर्ड बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा-ग्रेटर नोएडा के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह समेत दोनों प्राधिकरणों के बोर्ड के सदस्यों के सामने इसे अंगीकार करने का फैसला लिया गया। बैठक में नोएडा की ओर से आठ और ग्रेनो से 20 प्रस्ताव रखे गए।

Advertisement
Advertisement

नोएडा प्राधिकरण की 213वीं और ग्रेनो प्राधिकरण की 133वीं बोर्ड बैठक में फैसले के बाद नोएडा में 56 परियोजनाओं के करीब 32 हजार और ग्रेनो के 117 परियोजनाओं में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाया जा सकेगा। यह आंकड़ा तैयार और अधूरे फ्लैटों के हैं। इसके अलावा बाकी बचे हुए 1.33 लाख फ्लैटों में से 1.10 लाख कोर्ट में हैं। अगर बिल्डर कोर्ट से केस वापस लेता है तो उनकी परियोजनाओं की भी रजिस्ट्री हो सकेगी। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण के भी पांच हजार फ्लैट खरीदारों को लाभ होगा।

बाकी कई परियोजनाओं के करीब 30 हजार फ्लैट खरीदार बिना रजिस्ट्री के पहले ही कब्जा पा चुके हैं। उनकी भी रजिस्ट्री कराने की कोशिश की जाएगी। अधूरे प्रोजेक्ट तीन साल में पूरे होंगे और बन चुके प्रोजेक्ट को तीन माह में ओसी-सीसी मिलेगी। बैठक में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम., ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अमनदीप डुली, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, अन्नपूर्णा गर्ग, आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, यीडा की एसीईओ श्रुति सहित तीनों प्राधिकरणों और बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

समिति की सिफारिशों से निकला रास्ता

नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर प्रदेश सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए गए। सिफारिशों में कोरोना महामारी के तहत बिल्डरों को एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शून्य काल का लाभ दिया जाएगा। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किमी के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। यह केस टू केस पर लागू होगा। शून्यकाल का लाभ लेने के बाद बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा। शेष 75 प्रतिशत पैसा साधारण ब्याज के साथ तीन साल में जमा करना होगा। अब को-डेवलपर को परियोजना पूरी करने की अनुमति मिल सकेगी। प्राधिकरण की बकाया धनराशि देने की जिम्मेदारी दोनों की होगी।

परियोजना की अनुपयुक्त भूमि को आंशिक सरेंडर करने की अनुमति होगी।

प्राधिकरण सरेंडर की गई भूमि के लिए पहले से भुगतान की गई राशि को बिल्डर के बकाये के साथ समायोजित करेंगे। प्राधिकरण का बकाया पैसा न देने पर आंशिक भाग का आवंटन रद्द कर सकेगा। बकाया राशि का सत्यापन एक स्वतंत्र सीए करेगा। इस पॉलिसी से लाभान्वित परियोजना के बायर्स से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रचलित दर पर अतिरिक्त एफएआर दिया जा सकेगा। परियोजना को पूरा करने के लिए समय विस्तार शुल्क के बिना अधिकतम तीन वर्ष मिलेगा। कुल ड्यूज के सापेक्ष 25 धनराशि जमा करने पर पीटीएम की अनुमति दी जाएगी। बकाया भुगतान अधिकतम तीन साल में जमा करना होगा।

बिल्डर परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण होगा

बैठक में सभी बिल्डर परियोजनाओं के स्थलीय निरीक्षण को कहा गया। इसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि परियोजनाओं में कितने फ्लैटों के काम पूरे हुए हैं और कितने अधूरे हैं। इसके अलावा परियोजनाओं में बची हुई जमीनों का भी पता लगेगा। अतिरिक्त एफएआर की जरूरत कितने बिल्डरों को है इसका अंदाजा भी हो पाएगा। इसके अलावा बकाये की गणना के लिए सीए फर्म की मदद ली जाएगी। बिल्डरों को एनजीटी की अवधि के दौरान काम रोके जाने पर छूट के लिए क्लेम करने को बुलाया जाएगा। नोटिस देने के बाद बिल्डरों को बकाया चुकाने का दबाव बनाया जाएगा। तैयार फ्लैटों की तीन माह में रजिस्ट्री तभी होगी जब बिल्डर बकाया जमा करेंगे।

यह भी पढ़ें…

Gurugram News: इस सोसाइटी के टावरों में दरार पड़ने से लोगों में डर, 31 दिसंबर तक खाली करने होंगे फ्लैट

ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं पर लागू होंगी सिफारिशें

प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू होंगी। ग्रुप हाउसिंग में यदि वाणिज्यिक हिस्सा है तो उसमें भी लागू होगा। टाउनशिप डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भी इसके दायरे में रहेंगे। ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट अगर एनसीएलटी अथवा कोर्ट में हैं तो वह इस पैकेज का लाभ तभी ले सकते हैं, जब वह अपना केस वापस लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.