May 3, 2024, 8:13 pm

Gurugram News: इस सोसाइटी के टावरों में दरार पड़ने से लोगों में डर, 31 दिसंबर तक खाली करने होंगे फ्लैट

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday December 27, 2023

Gurugram News: इस सोसाइटी के टावरों में दरार पड़ने से लोगों में डर, 31 दिसंबर तक खाली करने होंगे फ्लैट

Gurugram News: गुरुग्राम के चिंटेल्स पैराडाइसो टॉवर से जुड़ी बड़ी खबर है। चिंटेल्स पैराडाइसो टॉवर में गिरने से पहले ही दरार पड़ने से लोग बेहद डरे हुए हैं। आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट में सी और जे टावर सुरक्षित बताए गए हैं। अभी जे टावर की अंतिम रिपोर्ट का प्रशासन इंतजार कर रहा है। इस बीच असुरक्षित बताए गए पांच टावर डी,ई,एफ, जी और एच को खाली कराने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर भी नजदीक आ गई है।

क्या है पूरा मामला

Gurugram News: जानकारी के मुताबिक गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडाइसो के असुरक्षित टावरों को गिराने से पहले ही अब सुरक्षित टावरों की सीढ़ी, दीवार और टाइलों में दरारें दिखाई देने लगीं हैं। आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट में सी और जे टावर सुरक्षित बताए गए हैं। अभी जे टावर की अंतिम रिपोर्ट का प्रशासन इंतजार कर रहा है। प्राथमिक रिपोर्ट में इसे सुरक्षित करार दिया गया है। इस बीच असुरक्षित बताए गए पांच टावर डी,ई,एफ, जी और एच को खाली कराने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर नजदीक आ गई है। इसके बाद बिल्डर अपनी ओर से की गई किसी भी पहल में बदलाव न करने का लिखित प्रस्ताव दे चुका है।

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सुरक्षित टावरों में दरार आने के कारण सोसाइटी के लोगों में चिंता का माहौल है। सुरक्षित टावरों में कोई नुकसान न हो इसके लिए चिंटेल्स पैराडाइसो के लोग सुरक्षा बॉन्ड चाहते हैं। इसके लिए प्रशासन को लिखित पत्र सौंपने के लिए मंगलवार को एक बैठक की गई। बिल्डर पक्ष के जेएन यादव का कहना है कि इस मामले पर प्रशासन के सहयोग से बात हो चुकी है। आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट में यह टावर सुरक्षित हैं। दरार का काम केवल मेंटेनेंस का है। इसके अलावा पांच असुरक्षित टावरों को खाली कराने के लिए अब केवल छह परिवारों का इंतजार है। कुल आठ में से दो परिवार बिल्डर प्रपोजल के साथ अपना समझौता कर फ्लैट खाली कर चुके हैं।

असुरक्षित टावरों में हर दिन बढ़ रही चिंता

सेक्टर 109 स्थित चिंटेल्स पैराडाइसो के असुरक्षित पांच टावर डी,ई, एफ, जी और एच के टावरों में एलिवेटर से इमारत में कंपन पैदा हो रही है। इसके साथ ही पानी और कंक्रीट की टंकी का बोझ असुरक्षित टावरों के मुख्य पिलर पर है। टंकी की पानी भंडारण क्षमता दो लाख लीटर है। यह कुल 200 टन यानी दो लाख किलो भार के बराबर है। दिल्ली आईआईटी के अलावा टावर गिराने के लिए चुनी गई एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी ने भी अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। उधर, बिल्डर और आरडब्ल्यूए के बीच वार्ता का कोई रास्ता नहीं निकल रहा है। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों पर असुरक्षा का बोझ बढ़ता ही जा रहा है।

दो रुपये प्रति स्क्वायर फीट किराया बढ़ाने की मांग कर रहे बचे हुए छह परिवार

आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राकेश हुड्डा ने बताया कि एक सप्ताह पहले हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बिल्डर पक्ष आठ परिवारों को फ्लैट खाली करने के लिए किराया देगा। अब यह एकमुश्त रकम होगी। इसके लिए प्रति स्क्वायर फीट 10 रुपये के हिसाब से छह माह का किराया देने का न्योता चिंटेल्स प्रतिनिधियों ने दिया था। अभी छह परिवार इस प्रपोजल में थोड़ा फेर बदल कर 10 रुपये की दर को बढ़ाकर 12 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के अनुसार किराया भुगतान चाहते हैं।

चिंटेल्स पैराडाइसो के उपाध्यक्ष जेएन यादव ने बताया कि इस मामले में मैनेजमेंट से गुंजाइश की बात की गई। वह इंकार कर चुके हैं। अब असुरक्षित टावर में रहने वाले परिवारों को अपना मन बनाकर सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। बिल्डर ने हर प्रकार का आर्थिक भुगतान करने की पहले ही मंजूरी दे दी है। अब नई शर्त पर कोई विचार नहीं होगा। प्रशासन को इस बार में लिखित सूचना दे दी गई है। इन परिवारों को 31 दिसंबर तक घर खाली करना होगा। इसके बाद बिल्डर पक्ष दिए गए ऑफर भी देने के लिए बाध्य नहीं होगा।

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चिंटेल्स पैराडाइसो में प्रशासन अपनी भूमिका निभा रहा है। दोनों पक्षों को अब एक बात पर सहमत होते हुए मामले की संवेदनशीलता को समझना होगा। इसके लिए 31 दिसंबर तक का समय निर्धारित है।

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