Noida News: बिजली की भारी किल्लत, दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं लोग
Noida News: बिजली की किल्लत बढ़ती ही जा रही है। हर महीने औसतन 1200 बिजली मीटर खराब हो रहे हैं। इस समय करीब दस हजार मीटर खराब हैं। उपभोक्ता मीटर को बदलवाने के लिए बिजली दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या पर सुनवाई नहीं हो रही है। मीटर खराब होने की वजह से उपभोक्ता बिल नहीं बन पा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार हर महीने औसतन 1200 बिजली मीटर खराब हो रहे हैं। इस समय करीब दस हजार मीटर खराब हैं। लोग मीटर बदलवाने के लिए बिजली दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या पर सुनवाई नहीं हो रही है। मीटर खराब होने की वजह से बिल नहीं बन पा रहे हैं। इससे विद्युत निगम की देनदारी बढ़ती जा रही है।
जिले में विद्युत निगम के साढ़े तीन लाख से अधिक विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ता हैं। इन से ही विद्युत निगम को प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है। खराब मीटरों को बदलने के लिए दोनों सर्किलों के लिए एक-एक अधीशासी अभियंता (मीटर) भी तैनात है। ताकि मीटर से संबंधित दिक्कतों का तुरंत समाधान किया जा सके। विद्युत निगम के अधिकारियों के अनुसार जिले में हर महीने औसतन 1200 मीटर खराब हो रहे हैं। मीटर की डिस्प्ले खराब होने समेत अन्य तकनीकी खामियां सामने आ रही हैं। खराब होने वाले मीटरों में ज्यादातर पुराने हैं। पुराना मीटर बदलकर नया मीटर लगाने के लिए करीब दो हजार से आठ हजार रुपये तक शुल्क का भुगतान करना होता है। जबकि नया मीटर खराब होने पर शुल्क नहीं लिया जाता। नए मीटर की पांच वर्ष तक की गारंटी मीटर कंपनी की होती है।
शत-प्रतिशत रीडिंग का लक्ष्य अधूरा
विद्युत निगम द्वारा शत-प्रतिशत मीटर रीडिंग का लक्ष्य बनाया जाता है। रीडिंग एजेंसी के तमाम प्रयास के बाद बावजूद 90 से 95 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ही रीडिंग से बिल तैयार हो पा रहे हैं। मीटर खराब होने की वजह से भी शत-प्रतिशत बिल तैयार नहीं हो पा रहे हैं।
मीटर रीडिंग जांचने के लिए अभियान शुरू
बिजली उपभोक्ताओं की तरफ से बिल में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के निर्देश पर मीटर रीडिंग जांच अभियान शुरू किया गया है। ‘विद्युत विभाग आपके द्वार’ -71, सेक्टर-93, सेक्टर-53, सेक्टर-110 सहित 13 सेक्टरों में उपभोक्ताओं के घरों पर मीटर रीडिंग की जांच करने के लिए टीमें पहुंचीं। खराब मीटरों के बदले नए लगाए जा रहे हैं। पांच वर्ष से ज्यादा पुराने मीटरों को बदलने के लिए शुल्क लिया जाता है। -शिव कुमार, अधीशासी अभियंता, द्वितीय, विद्युत निगम।
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उपभोक्ताओं पर बकाया बढ़ रहा
मीटर खराब होने की वजह से उपभोक्ताओं का बिल नहीं बन पाता। ऐसे में उपभोक्ता को मीटर को बदलवाने के लिए नजदीकी बिजली उपकेंद्र में प्रार्थना पत्र देना होता है। इसके अलावा खराब मीटर का विद्युत निगम द्वारा स्वयं भी संज्ञान लिया जाता और मीटर बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। मीटर बदलने में देरी होने पर संबंधित उपभोक्ता का बकाया बिल बढ़ता रहता है।