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Noida News: साइबर फरेंसिक लैब से डीपफेक जैसे गंभीर साइबर अपराधों पर लगेगी लगाम

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday December 26, 2023

Noida News: साइबर फरेंसिक लैब से डीपफेक जैसे गंभीर साइबर अपराधों पर लगेगी लगाम

Noida News: नोएडा में रोजाना हो रहे साइबर क्राइम अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस के हाथ और भी मजबूत किए जायेंगे। नोएडा में सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने में साइबर फरेंसिक लैब बनेगी। नोएडा पुलिस के पास साइबर स्टॉकिंग, बुलिंग, फ्रॉड की जांच के लिए नए संसाधन होंगे। इस लैब के माध्यम से गलत मंशा के साथ वीडियो वायरल करने वालों को पुलिस रोक सकेगी। इसके साथ ही नए चुनौती बन रहे डीप फेक पुलिस के केस की जांच भी होगी।

क्या है पूरा मामला

Noida News: जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने में साइबर फरेंसिक लैब बनेगी। इसकी तैयारी कमिश्नरेट पुलिस ने शुरू कर दी है। लैब बन जाने से नोएडा में साइबर स्टॉकिंग, बुलिंग, फ्रॉड की घटनाओं की जांच तेजी से होगी। गलत मंशा के साथ किसी महिला का विडियो वायरल करने से भी पुलिस रोक सकेगी। डीप फेक पुलिस के लिए जो नई चुनौती बन रहा है उसके केस की जांच के लिए भी पुलिस तैयार हो जाएगी। तेजी से बढ़ रहे साइबर क्राइम के घटनाओं के बीच नोएडा पुलिस के पास अभी तक जांच के संसाधन पर्याप्त नहीं थे। लैब के लिए निर्भरता दिल्ली व लखनऊ पर ही थी।

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साइबर क्राइम थाने का संचालन पिछले दिनों ही कमिश्नरेट को मिला है। पहले इसका संचालन सीधे लखनऊ से हो रहा था। इसके साथ ही यहां पर गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर की बड़ी साइबर क्राइम की घटनाओं की जांच हो रही थी। थाने में तैनात इंचार्ज समेत 14 पुलिसकर्मियों का अलग-अलग जगह पर ट्रांसफर हो चुका है। कमिश्नरेट ने थाने के संचालन की रूपरेखा नए सिरे से तैयार की है। इसमें साइबर फरेंसिक लैब बनाने व सेंट्रलाइज्ड डेस्क पूरे जिले के लिए बनाया जाना है। यहां पर तैनाती ट्रेंड पुलिस स्टॉफ को दी जाएगी। साइबर क्राइम थाने के संचालन को प्रभारी अडिशनल सीपी मुख्यालय बबलू कुमार को बनाया गया है।

सबूत जुटाने में होगी आसानी

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि साइबर क्राइम और फ्रॉड के केस में चार्जशीट तैयार करते वक्त लैब बन जाने से तकनीकी सबूत भी जुटाए जाएंगे। साइबर अपराधी फ्रॉड करने के बाद चैट व लिंक तेजी से डिलीट करते हैं। यही नहीं ग्रुप में जोड़कर जो फ्रॉड होते हैं उसमें एक पीड़ित को ग्रुप से बाहर निकाल कर बाकियों को फिर उसी ग्रुप से ठगा जाता है। ऐसे मामलों में पीड़ित के मोबाइल से पुलिस साइबर फोरिंसिक लैब के जरिए बहुत सा डेटा इन अपराधियों का आसानी से हासिल कर पाएगी।

सेंट्रलाइज्ड डेस्क से मिलेगी रफ्तार

साइबर क्राइम थाने में एक सेंट्रलाइज्ड डेस्क भी बनाने की तैयारी है। यह डेस्क सभी थानों की साइबर हेल्प डेस्क से जुड़ेगी। किसी भी थाने में शिकायत पर तकनीकी जांच या सबूत जुटाने की जरूरत पड़ने पर यह डेस्क तेजी से फरेंसिक लैब से काम करवाएगी। ठगी की रकम को फ्रीज करवाने का काम भी यहीं से डेडिकेटेड सेल बनवाकर करने की तैयारी है।

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