Noida-Greater Noida Expressway: नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर मिलेगा जाम से छुटकारा, दो अंडरपास बनने से कनेक्टिविटी होगी बेहतर
Noida-Greater Noida Expressway: नोएडा और ग्रेटर नोएडा वासियों के लिए रोजाना हो थी ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत की खबर है। नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर के सेक्टरों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए दो नए अंडरपास बनाए जाएंगे। महामाया फ्लाईओवर से 6.1 किमी पर सुल्तानपुर गांव के पास पहला और दूसरा 16.4 किमी पर झट्टा गांव के पास तैयार होगा। इससे करीब नए विकासित किए जा रहे औद्योगिक सेक्टरों की सीधी कनेक्टिविटी एक्सप्रेस वे के पार हो जाएगी।
क्या है पूरा मामला
खबर के मुताबिक नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर के सेक्टरों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए दो नए अंडरपास बनाए जाएंगे। शुक्रवार को प्राधिकरण सीईओ डॉ लोकेश एम ने स्थलीय निरीक्षण कर परियोजना को ग्रीन हरी झंडी दे दी है। दोनों अंडरपास नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के नीचे बनाये जाएंगे। महामाया फ्लाईओवर से 6.1 किमी पर सुल्तानपुर गांव के पास पहला और दूसरा 16.4 किमी पर झट्टा गांव के पास तैयार होगा। इससे करीब नए विकासित किए जा रहे औद्योगिक सेक्टरों की सीधी कनेक्टिविटी एक्सप्रेस वे के पार हो जाएगी।
तीन अंडरपास जनता को समर्पित
बता दें कि इससे पहले तीन अडंरपास सेक्टर-96, कोंडली और एडवंट का निर्माण पूरा कर उन्हें जनता को समर्पित कर दिया गया है, जिसका लाभ लोग ले रहे है। नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक सेक्टर और ग्रामीण इलाके है। इन दोनों एरिया में लाखों की आबादी और इंडस्ट्री बनने के बाद फुटफाल काफी बढ़ेगा।
ऐसे में कनेक्टिविटी के दो अंडरपास बनाने का निर्णय लिया गया। यह दोनों अंडरपास चार लेन के बनाए जाएंगे। इसके लिए सलाहकार कंपनी का चयन किया जा रहा है। दोनों प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपेार्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। इसके साथ बजट फाइनल किया जाएगा। इस दौरान उप महाप्रबंधक (सिविल) विजय कुमार रावल, सर्किल-1 वरिष्ठ प्रबंधक डोरी लाल वर्मा, वर्क सर्किल नौ वरिष्ठ प्रबंधक विश्वास त्यागी, वर्क सर्किल दस केबी सिंह समेत अन्य स्थलीय निरीक्षण में उपस्थित रहे।
पुशबैक व ओपन दोनों तरीके से देखी जाएगी संभावना
यहां दोनों तरह की तकनीकी के जरिये अंडरपास बनाया जा सकता है। पहला पुश बैक और दूसरा ओपन। पुश बैक के जरिये एक्सप्रेस वे नीचे काम करना थोड़ा पेचिदा है, क्योंकि इससे पहले बनाए गए अंडरपास पुशबैक तकनीकी पर बनाए गए थे। ऐसे में बार बार एक्सप्रेस वे धसने की शिकायत हुई। जिससे जाम की समस्या और योजना की डेड लाइन भी बढ़ी। ऐसे में ओपन यानी खुदाई करके इसे बनाया जा सकता है।
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यातायात सुधारने का दिया निर्देश
सेक्टर-14 ए से महामाया फ्लाईओवर तक यातायात को बेहतर किए जाने के लिए एपीजे स्कूल के पास यातायात में सुधार के लिए योजना तैयार करने के लिए कहा। एडवंट अंडरपास का निरीक्षण किया और यहां की गई थीम पेंटिंग की तरह ही अन्य अंडरपास में पेंटिंग करने के निर्देश दिया।