November 21, 2024, 9:40 pm

Monkey Attack News: बंदरों ने किया मासूम बच्ची पर हमला, डरकर पहली मंजिल से लगाई छलांग…हालत गंभीर

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday May 23, 2024

Monkey Attack News: बंदरों ने किया मासूम बच्ची पर हमला, डरकर पहली मंजिल से लगाई छलांग…हालत गंभीर

Monkey Attack News: दिल्ली एनसीआर के इलाकों में कुत्तों के आतंक के साथ ही बंदरों ने भी लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में घर में समान के जा रही एक 13 साल की मासूम बच्ची पर बंदरों ने हमला कर दिया। हमले से बच्ची बेहद डर गई और भागने के के चक्कर में पहली मंजिल से कूद गई। जिसकी वजह से वो गंभीर रूप से घायल हो गई। बच्ची के
हाथ में फ्रैक्चर, कमर में काफी चोट है।

क्या है पूरा मामला

बतादें, ग्रेटर नोएडा (Monkey Attack News) के सेक्टर-36 में कैंटीन से सामान लेकर घर जा रही एक 13 साल की बच्ची पर कुछ बंदरों ने हमला कर दिया। सीढ़ियों पर चढ़ते समय हुए हमले से डर कर बच्ची ने पहली मंजिल से छलांग लगा दी। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई। उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। जबकि कमर समेत शरीर में गंभीर रूप से चोट लगी है। डॉक्टरों ने करीब चार माह तक बिस्तर पर रहने की सलाह दी है।

ऐसे किया हमला

बच्ची की मां पूजा कौशल ने बताया कि शनिवार दोपहर करीब 12 बजे बेटी तान्वी पास की कैंटीन से खाने का सामान लेकर घर आ रही थी। सीढियों पर चढ़ते समय तन्वी पर चार-पांच बंदरों ने हमला कर दिया। घबराई तन्वी ने पहली मंजिल से छलांग लगा दी। तन्वी के हाथ में फैक्चर है और शरीर में गंभीर चोट आई है। कमर में चोट आने से वह करीब चार माह तक बिस्तर पर रहेगी।

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कुत्तों और बंदरों ने मचा रखा है आतंक

सेक्टर 36 निवासी प्रियांशी खारी ने बताया कि बंदरों की वजह से लोग बालकनी में भी खड़े नहीं पाते। पूरे दिन हाथों में लाठी डंडे लेकर बंदरों को भगाना पड़ता है। कई बार प्राधिकरण से शिकायत की जा चुकी है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इस मामले में समाजसेवी सुनील प्रधान कहते हैं की सेक्टर में 20 से 25 बंदरों का झुंड है। जिसे तत्काल भगाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सेक्टर अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, स्वर्ण नगरी, पाई, चाई, पी-3, पी-4, सिग्मा, ओमीक्रॉन, सेक्टर-36, 37 आदि मेंं भी बंदरों व लावारिस कुत्तों की समस्या बढ़ती जा रही है। लेकिन इसके बावजूद इन्हें कंट्रोल करने के लिए कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

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